अब थोड़ा संदेह होने लगा है कि अजिंक्य रहाणे भारत के सबसे निरंतर टेस्ट बल्लेबाज हैं। विदेशी धरती पर 50 से अधिक की औसत साबित करती है कि टेस्ट में वो कितने प्रभावी हैं। मगर इस सूची में वो इस वजह से शामिल है क्योंकि घरेलू सत्र में उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा जहां वो रन बनाने के लिए संघर्षरत रहे। उन्होंने 11 मैचों में सिर्फ एक शतकीय पारी खेली। वेस्टइंडीज में 121 की औसत से रन बनाने वाले रहाणे से भारतीय मध्यक्रम को काफी उम्मीद थी। मगर न्यूजीलैंड के खिलाफ 188 रन की पारी को छोड़ दिया जाए तो वह शेष पूरे सत्र में रनों के लिए संघर्ष करते दिखे। उन्होंने 11 मुकाबलों में केवल तीन अर्धशतकीय पारियां खेली। बहरहाल, सत्र की समाप्ति उन्होंने 40 से कम की औसत के साथ की, जो कि उनके स्तर का प्रदर्शन नहीं है। रहाणे के ख़राब प्रदर्शन ने कई सवाल भी खड़े किए कि उन्हें भारतीय टीम में नियमित सदस्य बनाए रखना चाहिए या नहीं। मगर अनिल कुंबले और कोहली दोनों ने रहाणे को टीम से हटाने के फैसले का विरोधी किया। दोनों की राय सही निकली, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम टेस्ट में रहाणे ने कप्तानी का भार संभाला और टीम को सीरीज में 2-1 की जीत दिलाई।