एक बल्लेबाज़ कई तरीकों से आउट हो सकता है, लेकिन बोल्ड आउट होना सबसे शर्मिंदगी की बात होती है। एक बल्लेबाज़ की ज़िम्मेदारी होती है कि वो अपने पीछे स्टंप को बचाए रखे, क्योंकि स्टंप का गिरना एक अच्छा अनुभव नहीं होता। अगर वनडे क्रिकेट की बात करें तो एक बल्लेबाज़ टेस्ट मैच के मुक़ाबले ज़्यादा आक्रामक खेल दिखाता है। ऐसे में बोल्ड आउट होने का जोखिम काफ़ी ज़्यादा होता है, बोल्ड आउट करने का रोमांच किसी गेंदबाज़ के लिए काफ़ी ज़्यादा होता है। हम यहां उन 5 बल्लेबाज़ों को लेकर चर्चा कर रहे हैं जो जबसे ज़्यादा दफ़ा वनडे में बोल्ड आउट हुए हैं।
#5 एलन बॉर्डर - 57 बार
ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज़ एलन बॉर्डर ने अपने देश की तरफ़ से काफ़ी लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है। वो एलन बॉर्डर ही हैं जिनकी कप्तानी में 1980 के दशक में कंगारू टीम ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी छाक जमाई है। बॉर्डर ने साल 1987 ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप दिलाया था। वो मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाज़ी करते थे और टीम के कामयाबी में अहम योगदान देते थे और टीम की रन संख्या बढ़ाते थे। वो एक शानदार बल्लेबाज़ थे और टीम को स्तर बढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ते थे। उन्होंनें ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से 273 वनडे मैच खेले हैं और 57 बार बोल्ड आउट हुए हैं। अगर आउट होने के प्रतिशत की बात करें तो वो बोल्ड आउट होने का प्रतिशत 22.62 है जो इस लिस्ट में सबसे ज़्यादा है।
#4 वसीम अकरम - 60 बार
पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी वसीम अकरम वनडे के सबसे क़ामयाब गेंदबाज़ों में से एक हैं। उन्होंने वनडे में 500 से भी ज़्यादा विकेट हासिल किए हैं। इससे साथ ही साथ वो एक अच्छे पुछल्ले बल्लेबाज़ थे और काफ़ी ज़ोरदार शॉट भी लगाते थे। हांलाकि वनडे में उनकी बल्लेबाज़ी का औसत 16.52 है लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 88 का है। वनडे में उन्होंने 7 अर्धशतक भी लगाए हैं। हांलाकि अगर आउट होने की बात करें तो वो 356 वनडे मैच में 60 बार बोल्ड आउट हो चुके हैं। उनके कुल आउट होने में से बोल्ड आउट होने का प्रतिशत 21.43 है। हांलाकि ये बात नहीं भूलनी चाहिए कि वो एक विशेषज्ञ बल्लेबाज़ नहीं थे, उनसे ज़्यादा अच्छी गेंदबाज़ी की उम्मीद करना बेमानी होगी।
#3 तिलकरत्ने दिलशान - 62 बार
हाल में ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले श्रीलंका के दिग्गज तिलकरत्ने दिलशान विश्व के सबसे विस्फोटक ओपनिंग बल्लेबाज़ों में से एक रहे हैं। वो टॉप ऑर्डर में बल्लेबाज़ी करते हुए अपनी टीम को मज़बूती प्रदान करते थे। क़रीब एक दशक तक उन्होंने श्रीलंकाई टीम में अपना योगदान दिया है। वो ग़ैर पारंपरिक तरीके से बल्लेबाज़ी करते थे और गेंद को ज़ोरदार तरीके से हिट करने में माहिर थे। हांलाकि उनकी बल्लेबाज़ी की तकनीक पर अकसर सवाल उठाए जाते थे। यही वजह है कि वो अकसर बोल्ड हो जाया करते थे। उन्होंने 330 वनडे मैच खेले हैं जिसमें वो 62 दफ़ा बोल्ड आउट हुए हैं। वो बोल्ड होने वाले बल्लेबाज़ों की लिस्ट में अभी तीसरे नंबर पर बरक़रार हैं।
#2 स्टीव वॉ – 63 बार
स्टीव वॉ की जितनी तारीफ़ की जाए उतनी कम है, वो ऑस्ट्रेलिया के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक हैं। वो कई सालों तक ऑस्ट्रेलियाई टीम के सबसे अहम खिलाड़ी रहे हैं। उनकी कप्तानी में कंगारुओं ने साल 1999 का वर्ल्ड कप जीता था। उन्हें अपनी टीम का ‘आइस मैन’ कहा जाता था क्योंकि मुश्किल वक़्त पर वो संयम बना कर रखते थे और अपनी टीम को संकट से उबार लेते थे। उन्होंने साल 1986 से 2002 तक 325 वनडे मैच खेले हैं। इन 16 साल के वनडे करियर में वो 63 बार बोल्ड आउट हुए हैं। कुल आउट होने के तरीके में बोल्ड होने का प्रतिशत 21.88 है। उनके करियर का आंकलन उनके बोल्ड होने की संख्या से नहीं किया जा सकता। उनकी कप्तानी में कंगारू टीम ने जो कामयाबी हासिल की है उसे हमेशा याद किया जाएगा।
#1 सचिन तेंदुलकर - 68 बार
ये बात कहने की ज़रूरत नहीं है कि सचिन जैसा महान खिलाड़ी भारत में न कभी हुआ है और न शायद कभी होगा। उनके बल्लेबाज़ी के तरीके से हर गेंदबाज़ के छक्के छूट जाया करते थे। बल्लेबाज़ी के ज़्यादातर रिकॉर्ड फिलहाल सचिन के ही नाम हैं। वनडे में सबसे ज़्यादा रन सचिन ने ही बनाए हैं। इसके अलावा सबसे ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक मास्टर ब्लाटर के ही नाम है। सचिन ने 463 वनडे मैच खेले हैं जो एक विश्व रिकॉर्ड है। वो 68 बार बोल्ड आउट हो चुके हैं। जो इस लिस्ट में सबसे टॉप का आंकड़ा है, लेकिन उनके बोल्ड आउट होने का प्रतिशत मात्र 15 फ़ीसदी जो इस लिस्ट में सबसे कम है। हांलाकि सचिन अपने इस रिकॉर्ड के मुक़ाबले बल्लेबाज़ी के अन्य रिकॉर्ड को लेकर याद किए जाते हैं। लेखक – सोहम समद्दर अनुवादक- शारिक़ुल होदा