बद्रीनाथ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 57 के औसत से 22 शतक और 6 हजार से ज्यादा रन बनाये उसके बाद उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला। उन्हें खेलने का मौका भी तब मिला जब साल 2010 पहली पसंद का खिलाड़ी चोटिल हो गया था। अपने डेब्यू मैच में बद्रीनाथ ने अर्धशतक बनाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। लेकिन बद्रीनाथ को फिर दोबारा मौका नहीं मिला और वह घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाते रहे। ऐसा माना जाता है कि बद्रीनाथ का करियर भारतीय क्रिकेट के फैब फोर सचिन, द्रविड़, लक्ष्मण और गांगुली की वजह से इंतजार के गर्त में चला गया। बद्रीनाथ अभी घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं, उनके नाम 10 हजार से ज्यादा रन और 32 शतक दर्ज है। भले ही उन्हें टेस्ट क्रिकेट में उतने मौके न मिले हों लेकिन बीते दो दशक से बद्रीनाथ घरेलू स्तर पर लगातार बेहतरीन खेल दिखा रहे हैं।