जब भी दुनिया के दुर्भाग्यशाली क्रिकेटरों की लिस्ट बनेगी, ब्रेड हॉज का नाम उसमें शीर्ष पर होगा। दायें हाथ के इस बल्लेबाज़ ऑस्ट्रेलिया के स्वर्णिम दौर की भेंट चढ़ गया, जहाँ बेहतरीन बल्लेबाजों और गेंदबाजों की टीम में हॉज को लम्बे समय तक इंतजार करना पड़ा। 166 प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने के बाद साल 2005 में ब्रेड ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। जहां उन्होंने लगातार रन बनाये। अपने पहले ही टेस्ट में उन्होंने अर्धशतक बनाया उसके बाद अपनी पांचवी पारी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दोहरा शतक ठोंक दिया। लेकिन चयनकर्ता उनके इस प्रदर्शन से खुश नहीं हुए और उन्हें 2006 में टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जबकि उनका औसत 58.42 था। लेकिन हॉज घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे थे और उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 51 शतक लगाये। लेकिन उन्हें टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया गया। इसलिए हॉज ने टी-20 क्रिकेट पर फोकस किया और वह इस फॉर्मेट में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ बन गये।