पेमेंट भुगतान विवाद को लेकर हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच काफी अनबन चला है। जिसमें देश की सेवा जरुरी है या पैसा ये सवाल सबके दिमाग में आया था। जो देश सेवा में पैसे की डिमांड करते हैं, उन्हें बिली इबादुल्ला से सीखना चाहिए। बिली ने लम्बे समय तक अपने क्रिकेट करियर में वार्विकशायर के लिए प्रथम श्रेणी मैच खेलें हैं। सन 1951 में 16 साल की उम्र में इस पाकिस्तानी क्रिकेटर ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया था। जहां उन्होंने रनों का अम्बार लगा दिया है। 1964 में जब वह अपने गृह देश पाकिस्तान वापस आये तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पाकिस्तान की तरफ से खेलने का प्रस्ताव आया। 217 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेलने के बाद इबादुल्ला ने पाकिस्तान के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू करने का मौका मिला। कराची टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले ही दिन बिली ने 166 रन बनाये। यही नहीं अब्दुल कादिर के साथ उन्होंने 249 रन की साझेदारी भी निभाई। हालांकि इबादुल्ला ने अगले टेस्ट में खेलने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि पाकिस्तानी बोर्ड ने उन्हें उनकी मांग के अनुसार भुगतान नहीं किया। लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वह लगातार रन बना रहे थे, इसलिए उन्हें न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ खेलने के लिए दोबारा वापस बुलाया गया। लेकिन इबादुल्ला इस बार पूरी तरह असफल साबित हुए और उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। उसके बाद उन्होंने न्यूज़ीलैंड के कई खिलाड़ियों को मेंटर करना शुरू किया। लेखक-चैतन्य, अनुवादक-जितेन्द्र तिवारी