क्रिकेट जगत में, ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने अतीत में अपनी राष्ट्रीय टीमों का प्रतिनिधित्व किया है। हालाँकि उनमें से कुछ ही खिलाड़ी ऐसे हैं जो लंबे समय तक अपनी टीम का हिस्सा रहे। इस लेख में, हम उन उपमहाद्वीपीय खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे जो आगामी एशिया कप क्रिकेट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं। #1. युवराज सिंह युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में शामिल हैं। 2011 विश्व कप में 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' रहे युवराज सिंह ने अपने खेल जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। क्रिकेट में गेंद के सबसे ताकतवर स्ट्राइकर युवराज सिंह ने कैंसर जैसी भयंकर बीमारी से जूझते हुए टीम इंडिया की विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि कैंसर से जंग जीतने के बाद वह अपनी फिटनेस कायम नहीं रख सके, श्रीलंका दौरे से पहले हुए यो-यो टेस्ट में वह अपनी खराब फिटनेस की वजह से फेल हो गए जिस वजह से उन्हें टीम इंडिया से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हालाँकि भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले वह अपनी फिटनेस साबित करने में कामयाब हुए लेकिन फिर भी उन्हें टीम में जगह नहीं दी गई। ऐसे में एशिया कप में भी 36 वर्षीय इस खिलाड़ी का खेलना मुश्किल लगता है। शायद वह एशिया कप के बाद क्रिकेट से संन्यास का फैसला करें। #2. लसिथ मलिंगा श्रीलंका के ज़बरदस्त तेज गेंदबाज, लसिथ मलिंगा उपमहाद्वीप के कुछ ऐसे खिलाड़ियों में शुमार हैं जो आने वाले एशिया कप के समाप्त होने के बाद ही क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं। अपने शानदार यॉर्कर्स और विविधतापूर्ण गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते मलिंगा सीमित ओवरों के एक महान गेंदबाज़ हैं। 34 वर्षीय स्पीडस्टर लगभग डेढ़ दशक से अपनी टीम से अंदर-बाहर होते रहे हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में, लगातार चोटिल होने की वजह से वह ज़्यादा क्रिकेट नहीं खेल पाए और गिरती फिटनेस को देखते हुए उनका एशिया कप में खेलना भी अभी तय नहीं है। ऐसे में इस बात की संभावना है कि श्रीलंकाई तेज़ गेंदबाज़ एशिया कप खत्म होने के बाद क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लें। #3. हरभजन सिंह इसमें कोई संदेह नहीं है कि हरभजन सिंह, भारतीय टीम के सबसे सफल ऑफ स्पिनर्स में दे एक हैं। उन्होंने गेंद के साथ साथ बल्ले से भी अहम योगदान दिया है। उनकी भूमिका मैच के मध्य ओवरों में रनों की गति पर अंकुश लगाना और विकेट निकालना रही है। वह काफी समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। हालाँकि आईपीएल का वह नियमित हिस्सा रहे हैं। इस साल 37 वर्षीय हरभजन ने अपनी आईपीएल टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन राष्ट्रीय टीम में कुलदीप यादव, अश्विन और युजवेंद्र चहल की मौजूदगी में उनका अब टीम में वापसी कर पाना मुश्किल लगता है। #4. मोहम्मद हफीज मोहम्मद हफीज एक प्रसिद्ध पाकिस्तानी ऑलराउंडर हैं और तर्कसंगत रूप से, वह नंबर 1 ऑलराउंडर के साथ-साथ सीमित ओवरों के क्रिकेट में नंबर 1 गेंदबाज़ भी रहे हैं। 37 वर्षीय खिलाड़ी को दो या तीन बार, उनके अवैध गेंदबाजी एक्शन के कारण रिपोर्ट किया गया है। इसके लिए उन्हें एक साल के गेंदबाजी प्रतिबंध का भी सामना करना पड़ा। रिपोर्टों के मुताबिक, हफीज "विदेशी" विकल्पों पर विचार कर रहे हैं अगर उनको राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिलती। ऐसे में अगर उन्हें एशिया कप के लिए टीम में नहीं चुना जाता तो संभावना है कि एशिया कप समाप्त होने के बाद वह क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संयास ले लें। 37 वर्षीय खिलाड़ी 2017 में चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाले पाकिस्तानी टीम का अहम हिस्सा रहे और भारत के खिलाफ फाइनल मैच में उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर अपनी टीम की खिताबी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। #5. मशरफे मोर्तजा मशरफे मोर्तजा बांग्लादेश के शानदार तेज़ गेंदबाजों में से एक रहे हैं जिन्होंने अपनी गति और सटीकता से बल्लेबाजों को परेशान किया है। एक कप्तान के रूप में बांग्लादेशी टीम को खड़ा करने में उनका योगदान सराहनीय रहा है। अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में उन्होंने अपनी टीम को कई मैच जिताए हैं। लेकिन हाल के वर्षों में घुटने की चोट और गिरती फिटनेस के कारण मोर्तजा का करियर अपने अंत की और बढ़ रहा है। फिलहाल मोर्तजा बाँग्लादेश की वनडे क्रिकेट टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। अपनी स्विंग गेंदबाज़ी, सटीकता और नियंत्रण के साथ मोर्तजा बंगलादेश के सफलतम तेज़ गेंदबाज़ बन गए। इसके अलावा बांग्लादेशी कप्तान निचले क्रम में लंबे शॉट्स खेलने के लिए भी जाने जाते हैं। वह अगले साल होने वाले विश्व कप में खेलना चाहेंगे लेकिन बढ़ती उम्र और चोटों के कारण यह मुश्किल लगता है। वह शायद एशिया कप में बांग्लादेश की जीत की उम्मीद कर रहे हैं और मुमकिन है कि इस टूर्नामेंट के बाद वह क्रिकेट से सन्यास लें। लेखक: मोमिन मेहमूद बट अनुवादक: आशीष कुमार