रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर इस आईपीएल सीज़न में प्लेऑफ़ में पहुंचने में नाकाम रही। आख़िरी लीग मैच में इस टीम को राजस्थान रॉयल्स से हार का सामना करना पड़ा था। आरसीबी इस साल पूरे सीज़न में अपने प्रदर्शन को लेकर जद्दोजहद करती हुई दिखी। कोहली के टीम जीत की लय पाने में काफ़ी पीछे रह गई। गेंदबाज़ी के मामले में आरसीबी कुछ ख़ास नहीं थी और बल्लेबाज़ी को लेकर इस टीम को कुछ चुनिंदा बल्लेबाज़ों पर निर्भर रहना पड़ रहा था। कागज़ पर ये बैंगलौर की टीम काफ़ी मज़बूत दिख रही थी, मगर हक़ीक़त कुछ और ही बयां कर रही है। अगर आरसीबी इस साल प्लेऑफ़ का सफ़र तय करने में नाकाम रही है इसके पीछे उन अहम खिलाड़ियों का ख़राब प्रदर्शन है जिनसे टीम मैनेजमेंट को काफ़ी उम्मीदें थीं। कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जिनको ख़रीदने के लिए टीम के मालिकों को काफ़ी ऊंची क़ीमत चुकानी पड़ी थी। हम यहां उन 5 खिलाड़ियों को लेकर चर्चा कर रहे हैं जिनकी शायद अगले साल आरसीबी से छुट्टी कर दी जाएगी।
#5 सरफ़राज़ ख़ान
आरसीबी टीम मैनेजमेंट ने सरफ़राज़ ख़ान पर भरोसा जताते हुए उन्हें नीलामी से पहले रिटेन किया था। सरफ़राज़ ने इस सीज़न से पहले ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी की थी, लेकिन साल 2018 में उन्होंने सभी को निराश किया। मौजूदा सीज़न में खेले गए 7 मैच में उन्होंने 10.20 की औसत से 51 रन बनाए। 20 साल के इस खिलाड़ी को कई मौके दिए गए, लेकिन उन सभी को भुनाने में वो नाकाम रहे। बल्लेबाज़ी के अलावा सरफ़राज़ की फ़ील्डिंग पर भी कप्तान कोहली की नज़र थी, लेकिन इस क्षेत्र में भी वो अकसर नाकाम दिखाई दिए। ऐसे में काफ़ी कम उम्मीद है कि सरफ़राज़ ख़ान को आरसीबी अगले साल अपनी टीम में मौका दे।
#4 पवन नेगी
आरसीबी ने इस साल की आईपीएल नीलामी के दौरान पवन नेगी को रिटेन करने के लिए राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल किया था। इसके पीछे की वजह ये थी कि आईपीएल 2017 में इस हरफ़नमौला खिलाड़ी ने 12 मैच में 6.12 की इकॉनमी रेट से 16 विकेट हासिल किए थे। नेगी ने पिछले साल ज़रूरत के हिसाब से कुछ ज़रूरी पारियां खेली थी, लेकिन इस साल वो इतने प्रभावशाली साबित नहीं हुए। इस साल उन्हें सिर्फ़ 2 मैच खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 12.25 की इकॉनमी रेट से रन लुटाए। वो बल्लेबाज़ी की क्षेत्र में भी बुरी तरह पिछड़ गए, उन्होंने 2 पारियों में महज़ 3 रन ही बनाए हैं। नेगी को अगले साल आरसीबी का साथ मिलना मुश्किल है।
#3 ब्रेंडन मैकुलम
इस साल जब ब्रेंडन मैकुलम को आरसीबी ने नीलामी के दौरान ख़रीदा था तब चिन्नास्वामी के दर्शकों ने उनसे काफ़ी उम्मीदें जताईं थीं। ये विस्फोटक बल्लेबाज़ विपक्षी टीम के गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ाने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस साल चीज़ें उनके हिसाब से नहीं हुईं। न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान ने इस साल 6 आईपीएल मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 21.16 की औसत से 127 रन बनाए हैं। ये आंकड़े उनके स्तर से कहीं नीचे हैं। वो इस सीज़न में बुरे फ़ॉम से जूझते रहे, अंत में विराट कोहली ने उन्हें प्लेइंग-XI से बाहर कर दिया।
#2 वॉशिंग्टन सुंदर
वॉशिंग्टन सुंदर ने इस साल श्रीलंका में हुई निदहास ट्रॉफ़ी में बेहतरीन प्रदर्शन किया था, जिसकी बदौलत वो मैन ऑफ़ द सीरीज़ के अवॉर्ड से नवाज़े गए थे। सुंदर ने साल 2017 के आईपीएल सीज़न में भी बढ़ियां खेल दिखाया था। यही वजह रही कि उन्हें इस साल आरसीबी टीम ने ख़रीदा था। मैनेजमेंट के ये उम्मीद थी कि सुंदर आरसीबी टीम की बॉलिंग की समस्या को दूर कर देंगे, लेकिन वो इस भरोसे पर खरे उतरने में नाकाम रहे। उन्होंने इस आईपीएल सीज़न के 7 मैच में 4 विकेट हासिल किए हैं। सबसे निराशा की बात ये है कि सुंदर की इकॉनमी रेट 9.60 रन प्रति ओवर है। उन्हें कप्तान ने कई मौके दिए लेकिन वो अपने प्रदर्शन में सुधार करने में नाकाम रहे। ऐसे में अगले साल आरसीबी से उनकी विदाई तय मानी जा रही है।
#1 क्रिस वोक्स
आरसीबी टीम मैनेजमेंट ने इस साल की आईपीएल नीलामी में काफ़ी मशक्कत के बाद क्रिस वोक्स को 7.40 करोड़ रुपये में ख़रीदा था। इसकी सबसे बड़ी वजह ये थी कि साल 2017 के आईपीएल में वोक्स ने कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ़ से खेलते हुए 17 विकेट हासिल किए थे। आरसीबी को उम्मीद थी कि वोक्स अपनी पुरानी कामयाबी को दोहराएंगे, लेकिन इस सीज़न में उनका प्रदर्शन उम्मीद से काफ़ी कम रहा। हांलाकि उन्होंने 5 मैच में 8 विकेट हासिल किए थे, लेकिन उनकी इकॉनमी रेट 10.36 रन प्रति ओवर रही जो बेहद ज़्यादा है। वो बल्लेबाज़ी के क्षेत्र में भी नाकाम रहे, और इस सीज़न में कुल 17 रन ही बना पाए। वो अपनी ऊंची कीमत के साथ इंसाफ़ करने में नाकाम रहे, ऐसे में उनका आरसीबी में बने रहना नामुमकिन सा हो गया है। लेखक- रैना सिंह अनुवादक- शारिक़ुल होदा