2019 क्रिकेट विश्व कप अब 12 महीने से भी कम दूर है और यह एक सही समय है जब देखा जाए कि बड़े मेगा इवेंट में टीम का स्वरूप कैसा होने वाला है। हालांकि, भारत को इस समय कई मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है जो परेशानी विश्व कप में शायद ही कोई अन्य टीम झेल रही होगी। प्रतियोगिता ऐसी है कि नये युवा खिलाड़ियों ने अनुभवी खिलाड़ियों के लिए खतरा पैदा कर दिया है। फॉर्म, फिटनेस और अनुशासन पर नज़र डालने पर ऐसा लगता है कि उनके पास अपने वरिष्ठ खिलाड़ियों को बाहर करने की क्षमता है। सबसे बड़े मुद्दों में से एक टीम का मध्य क्रम है। लगभग 5 खिलाड़ी 3 स्थान के लिए लड़ रहे हैं, इतनी ज्यादा गर्म जोशी पहले कभी नहीं बढ़ी है। ऐसी मौकों पर किसी ना किसी को तो बाहर होना ही पड़ेगा। चयनकर्ताओं के लिए उन 15 खिलाड़ियों को चुनना बहुत कठिन काम होने वाला है। हालांकि, इसके लिए अभी भी पर्याप्त समय बाकी है। इस बीच हम पिछले कुछ वर्षों में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले उन पांच संभावित खिलाड़ियों पर एक नज़र डालते हैं जिन्हें अंतिम 15 में जगह बनाने में बेहद मुश्किल हो सकती है-
#5 केदार जाधव
33 साल के केदार जाधव पिछले दो सालों में भारतीय टीम के साथ समय-समय पर ही नजर आए हैं। साउथ अफ्रीका के दौरे पर वह बुरी तरह से फेल हुए थे और आईपीएल के शुरूआती मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेलते हुए घायल हो गए थे। हालांकि उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स की दो साल बाद की वापसी के बाद एक मैच विनिंग पारी खेली थी। वर्तमान में उन्हें 50 ओवरों के लिए प्रतिस्पर्धा में जगह नहीं मिली है और ऐसे में उसे 2019 क्रिकेट विश्व कप के लिए अपनी जगह बनाना मुश्किल हो सकता है। भले ही वह रेस में वापस आ जाए फिर भी उन्हें केएल राहुल और श्रेयस अय्यर की पसंद से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा है। साथ ही उनके इस सफर में भाग्य को भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
#4 रविचन्द्रन अश्विन
एक समय भारत के सभी तीन प्रारूपों में मुख्य आधार रहे रविचंद्रन अश्विन ने लगभग एक साल पहले भारत के लिए कोई वनडे खेला था। विकेटों की संख्या द्वारा टेस्ट में तो उनकी जगह सुनिश्चित है लेकिन उन्हें विशेष रूप से सीमित ओवरों के प्रारूप में वापस आना मुश्किल हो गया है। वह कई मशहूर व बड़े मैचों का हिस्सा रहे है, लेकिन हाल ही में उनके फॉर्म ने उनका साथ नहीं दिया है। फ्लैट गेंदबाजी के साथ साथ उनकी इकॉनमी रेट भी अधिक रही है। स्पिन जोड़ी यजुवेन्द्र चहल और कुलदीप यादव के आने से उनकी जगह डगमगा गयी और वर्तमान स्थित को देखते हुए अपने मौजूदा स्पिन फॉर्म के साथ इस जोड़ी को तोड़ना उनके लिए असंभव है। विश्व कप अब सिर्फ एक वर्ष दूर है और भारत अपनी स्पिन जोड़ीदार पर कड़ी मेहनत कर रहा है, ऐसा लगता है कि भारत उनके बिना विश्व कप में जा सकता है।
#3 रविन्द्र जडेजा
एक पूर्ण ऑलराउंडर के लिए भारत की खोज का परिणाम रविंद्र जडेजा थे, इससे पहले कि हार्दिक पांड्या ने यह आधिकारिक रोल संभाल लिया और लगातार अपने प्रदर्शन से टीम में जगह बना ली। अश्विन की तरह, उन्होंने आखिरी बार साल भर पहले वनडे में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि वह टेस्ट सेटअप में एक अभिन्न हिस्सा बने हुए है, लेकिन सीमित ओवरों में अश्विन के साथ उनकी साझेदारी को युवा चहल और कुलदीप ने तोड़ दिया है। उसे अपनी जगह वापस अर्जित करने के लिए कुछ खास करना होगा। जडेजा भी इंग्लैंड के दौरे के लिए खुद की जगह सुनिश्चित नहीं कर सके जो कुछ दिनों के समय से शुरू होने वाला है। उनकी बल्लेबाजी क्षमता और क्षेत्ररक्षण कौशल को सभी अच्छी तरह से जानते हैं, लेकिन विश्व कप अपनी जगह पक्की करने के लिए यह पर्याप्त नहीं हो सकता है और यह अभी तक तो यह जडेजा के लिए एक दूर का कौड़ी प्रतीत हो रही है।
#2 मनीष पांडे
मनीष पांडे का मामला बाकी से ज्यादा अनोखा है। शायद सबसे होनहार भारतीय बल्लेबाज जिसे मौका दिये जाने पर लाभ उठाने की कोशिश की है लेकिन अपनी प्रतिभा के मुकाबले वह खुद को साबित करने में पीछे रह गया है। केएल राहुल और श्रेयस अय्यर जैसी प्रतिभाओँ के होड़ में होने के कारण प्रतिस्पर्धा और भी तगड़ी हो गयी है। अपने पहले मैच में शानदार 71 रन और अपने चौथे ही मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार शतक ने यह दिखा दिया कि उसके खजाने से अभी बहुत आना बाकी है। लेकिन पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई टीम के दौरे के खिलाफ 5 मैचों की वनडे सीरीज़ में सिर्फ 83 रनों के निराशजनक प्रदर्शन के बाद श्रीलंका के खिलाफ आगामी घरेलू श्रृंखला में मौका पाने में नाकाम रहे। वह 2018 की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थे लेकिन एक मैच खेल पाने में नाकाम रहे। वर्तमान में उन्हें इंग्लैंड दौरे पर टी-20 टीम का हिस्सा बनाया गया है लेकिन वनडे पक्ष में जगह नहीं मिली है।
#1 अंजिक्य रहाणे
भारत के लिए मध्यक्रम इस समय समस्या बना हुआ है जो वाकई अविश्वसनीय है। इसके पास केएल राहुल, मनीष पांडे, दिनेश कार्तिक और अजिंक्य रहाणे में से चुनने के कई विकल्प हैं। रहाणे की बात करते है तो अक्सर क्रीज पर अधिक समय लेने और आवश्यकता होने पर तेज़ नहीं खेलने के लिए उनकी आलोचना की जाती है। इसके अलावा, इस आईपीएल में भी उनकी असमर्थता के कारण उनके खेलने की गति पर संदेह उठे हैं। सितंबर 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टॉप ऑर्डर में लगातार 50+ स्कोर के बाद जब उन्होंने इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया तब से उन्हें खराब स्कोर का सामना करना पड़ा है। रहाणे एक ऐसे खिलाड़ी है जिसकी बल्लेबाजी की स्थिति अक्सर ऊपर नीचे होती रही है चाहे वह शीर्ष या मध्य क्रम में हो। चयनकर्ता निश्चित रूप से महत्वपूर्ण बल्लेबाजी पदों के लिए खिलाड़ियों का रोल तय करना चाहेंगे। श्रेयस अय्यर ने एक मजबूत वनडे की शुरुआत की है, वहीं केएल राहुल काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और ऐसे में विश्व कप के लिए 15 सदस्यीय टीम में अजिंक्य रहाणे की संभावनाएं बेहद कमजोर लगती हैं। लेखक- सौमिन परमार अनुवादक- सौम्या तिवारी