युवराज सिंह
जब भारतीय क्रिकेट की बात आती है तो युवराज सिंह को कमबैक किंग के नाम से जाना जाता है। चाहे बात हो व्यक्तिगत मुश्किलों से निकलने की या फिर टीम से बाहर होने की युवराज ने बार बार टीम में वापसी की लेकिन 35 साल की उम्र में श्रीलंका के खिलाफ वन-डे टीम में युवराज का शामिल ना होना एक मुश्किल चुनौती साबित हो सकती है।
2013 के बाद से वनडे से बाहर रहे इस खिलाड़ी को 35 साल की उम्र के इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में शामिल किया गया था। उन्होंने तत्काल चयनकर्ताओं के विश्वास को सही साबित कर दिया और वापसी के साथ ही अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय स्कोर दर्ज किया। जिसके बाद उन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में भाग लिया और वह वेस्टइंडीज जाने वाली टीम का भी हिस्सा रहे।
उनको टीम से बाहर रखने में कई तर्क दिये जा सकते हैं लेकिन सच तो यह है कि वापसी के बाद से युवराज ने 40 से ज्यादा की औसत से रन बनाए हैं जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 100 के पास रहा है। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी के लिए यह अंक ना सिर्फ शानदार हैं बल्कि अपने करियर औसत और स्ट्राइक रेट से भी ऊपर है।
यदि युवराज को सिर्फ चैंपियंस ट्रॉफी के लिए लाया गया था, तो यह देखना हैरानी भरा था कि वेस्ट इंडीज के खिलाफ सीरीज के लिए उन्हें क्यों चुना गया। हालांकि वह उस सीरीज में अपने नाम के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सके लेकिन यह सिर्फ कुछ मैचों में था। जिसने देश के लिए 300 से अधिक एकदिवसीय मैचों की खेले हैं, वह स्पष्ट रूप से यह पैमाना पर्याप्त नहीं है।
लेखक- श्रीहरी
अनुवादक- सौम्या तिवारी