5 खिलाड़ी जो 2015/16 में बिना केंद्रीय अनुबंध के भी भारत के लिए खेले

हाल ही में बीसीसीआई ने ए, बी और सी ग्रेड में खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट से सबसे ज्यादा निराशा सुरेश रैना के हाथ लगी है, बोर्ड ने उन्हें केंद्रीय अनुबंध की लिस्ट से बाहर कर दिया है। इसके अलावा वह देवधर ट्राफी की चुनी गयी टीम से भी बाहर हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि रैना को अगर केंद्रीय अनुबंध की लिस्ट में जगह नहीं मिली है, तो वह भारत के लिए खेलने से वंचित रह जायेंगे। बहुत से खिलाड़ी हर साल इस तरह से भारत के लिए खेलते आये हैं। आइये आपको हम बता रहे हैं उन 5 खिलाड़ियों के बारे में जो साल 2015/16 में बगैर अनुबंध के भी भारत के लिए खेले थे: गौतम गंभीर इसमें कोई दो राय नहीं है कि गौतम गंभीर भारत के बेहतरीन सलामी बल्लेबाजों में से एक हैं। उन्होंने साल 2007 में टी-20 वर्ल्डकप और 2011 के वर्ल्डकप में भारत को ख़िताब जिताने में अहम भूमिका अदा की थी। इसके अलावा आईपीएल में उनकी कप्तानी में केकेआर का प्रदर्शन भी शानदार रहा है। साल 2012 में टी-20 और 2013 में वनडे प्रारूप में गंभीर आखिरी बार भारत के लिए खेले थे। इसके अलावा वह टेस्ट में भी टीम से बाहर थे, केएल राहुल के चोटिल होने पर गंभीर को टीम में वापसी करने का मौका मिला था। लेकिन उन्हें सिर्फ दो टेस्ट खेलने का मौका मिला जहां उन्होंने एक अर्धशतक जड़ा लेकिन उसके बाद वह टीम से फिर बाहर हो गये। जसप्रीत बुमराह लसिथ मलिंगा आईपीएल में मुंबई की तरफ से खेलते हैं, उन्हीं के साथ टीम में जसप्रीत बुमराह भी थे। साल 2016 की शुरुआत में बुमराह को भारतीय टीम में जगह मिली और उनका प्रदर्शन पूरे साल शानदार रहा। बतौर बल्लेबाज़ 23 वर्षीय बुमराह को 35 मैचों के बाद भी अपना खाता नहीं खोल पाए हैं। लेकिन उन्होंने भारत को खूब विकेट दिलाये हैं। बुमराह ने अभी तक एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला है। लेकिन उनके नाम सीमित ओवर के क्रिकेट में 45 विकेट दर्ज हैं। बुमराह विकेट तो लेते ही हैं साथ ही सटीक यॉर्कर से वह बल्लेबाजों को रन बनाने से भी रोकने में कामयाब रहते हैं। पार्थिव पटेल साल 2016 में पार्थिव पटेल को भारत के लिए 6 साल बाद खेलने का मौका मिला। साल 2012 में पटेल ने अपना आखिरी वनडे मुकाबला श्रीलंका के खिलाफ खेला था। पार्थिव पटेल ने लगातार घरेलु स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे और चोटिल साहा की जगह उन्हें टीम में खेलने का मौका मिला। इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में साहा की जगह पटेल खेले और अपना प्रभाव भी छोड़ा। चार पारियों में पटेल ने 42, 67*, 15 और 71 रन बनाये। उनके इस प्रदर्शन से ये भी सवाल उठने लगा कि साहा की जगह उन्हें टेस्ट टीम में मौका मिलना चाहिए। लेकिन चयनकर्ताओं ने साहा पर विश्वास बनाये रखा है। आशीष नेहरा साल 2016 में 36 वर्षीय आशीष नेहरा ने टी-20 टीम में वापसी करके सबको हैरान कर दिया। साल 2004 में नेहरा ने अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेला था। इसके अलावा उन्होंने आखिरी वनडे 2011 के वर्ल्डकप में खेला था। लेकिन आईपीएल में लगातार चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बेहतरीन प्रदर्शन का इनाम नेहरा को मिला। बाएं हाथ का इस तेज गेंदबाज़ ने ऑस्ट्रेलिया के साथ हुई टी-20 सीरिज से वापसी की थी। यद्यपि रन वाली पिचों पर नेहरा के प्रदर्शन को उतनी तवज्जो नहीं मिली लेकिन एशिया कप में नेहरा ने अपने प्रदर्शन टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली। नेहरा की उम्र 37 वर्ष की है और वह भारत के लिए खेल रहे हैं। उनके प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है वह 1-2 साल और भारतीय टीम के लिए खेलते रहेंगे। युवराज सिंह युवराज सिंह एकमात्र ऐसे क्रिकेटर हैं, जो आज भी क्रिकेट के दीवानों की पहली पसंद हैं। कैंसर से जंग जीतने के बाद युवराज और ज्यादा लोगों के दिलों में रच-बस गये हैं। साल 2016 में युवराज सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरिज में टीम इंडिया में वापसी की। उसके बाद युवराज सिंह भारतीय टीम के अभिन्न अंग बन गये हैं। एशिया कप विजेता और टी-20 वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीम में युवराज सिंह थे। चोट की वजह से कुछ दिन क्रिकेट से दूर रहे, लेकिन उन्होंने वनडे टीम में वापसी की और जोरदार प्रदर्शन किया। रैना का केंद्रीय अनुबंध न होने का एक कारण टीम इंडिया में युवराज की वापसी भी है। जिन्होंने वनडे और टी-20 में अपनी जगह पुख्ता कर लिया है। आशा है युवराज चैंपियंस ट्राफी में भारतीय टीम का हिस्सा रहे।

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