डैरेन सैमी जब वेस्टइंडीज टीम के कप्तान बनाये गये थे। तब उनकी चौतरफा आलोचना होने लगी थी। लोग कहते थे कि सैमी में कप्तान के कोई गुण नहीं हैं। ऐसे में सैमी की खराब फॉर्म भी उनकी आलोचना का एक कारण बन रहा था। लेकिन जिस वक्त सैमी ने कप्तानी सम्भाली थी, उस वक्त टीम में कोई दूसरा इस ज़िम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार नहीं था। यद्यपि सैमी ने लिमिटेड ओवर के फॉर्मेट में कुछ अच्छी पारियां खेली थी, जिसकी वजह से उन्हें केमार रोच की जगह पर टेस्ट टीम में शामिल किया गया क्योंकि वह टीम के कप्तान भी थे। सैमी की कप्तानी में वेस्टइंडीज ने टी-20 वर्ल्डकप जीता था। जिससे उन्हें हमेशा इतिहास में याद रखा जाएगा। लेकिन टेस्ट मैचों में वह उतने प्रभावी नहीं रहे जितना कि उन्हें होना चाहिए। सैमी को तब टेस्ट से संन्यास लेना पड़ा जब उनसे टेस्ट टीम की कप्तानी ले ली गयी।