पीठ की चोट से लम्बे समय तक परेशान रहे क्लार्क का 2015 विश्वकप में खेलना संदिग्ध लग रहा था। विश्वकप जैसे बड़े समारोह में क्लार्क का टीम में चुना जाना सिर्फ और सिर्फ उनकी कप्तानी का जोर था। प्रोफेसनल तरीके से उन्हें चुना जाना गलत था। उनकी फॉर्म एशेज 2015 तक खराब रही, वह रन बनाने के लिए तरस रहे थे। तो उनका टीम में चुना जाना बस उनकी कप्तानी थी। उन्होंने खुद कहा था कि किसी भी विपक्षी को हराना तब और मुश्किल हो जाता है, जब वह 11 और हम 10 ही होते हैं। ये एशेज सीरीज क्लार्क के लिए बहुत ही खराब गुजरी थी, जिसमें एक कप्तान और खिलाड़ी के तौर पर वह पूरी तरह विफल रहे थे। इसी के चलते उन्होंने क्रिकेट को अलविदा भी कह दिया।
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