5 खिलाड़ी जिन्होंने बाधाओं को पीछे छोड़ क्रिकेट में नए मुकाम हासिल किए

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एक खिलाड़ी के जीवन में कई बाधाएं आती है। जो खिलाड़ी इन बाधाओं को पार नहीं कर पाता उसका करियर उसी समय समाप्त हो जाता है वहीं कुछ ऐसे भी खिलाड़ी होते हैं जो इन बाधाओं को पार कर सफलता के झंडे गाड़ते हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते है। क्रिकेट के खेल में भी ऐसा ही है। कई मौकों पर खिलाड़ियों को किसी ना किसी आरोप या विवाद की वजह से टीम से बाहर कर दिया जाता है लेकिन खिलाड़ी उस बाधा को पार कर क्रिकेट के मैदान पर वापसी करते हैं। आज हम ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने विवाद की वजह से मैदान से बाहर होने के बाद जबरदस्त वापसी की #1. शेन वॉर्न ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न अपने करियर में कई बार विवादों में घिरे हैं। 1999 विश्वकप विजेता टीम के सदस्य वॉर्न को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में गिना जाता है लेकिन विवाद ने पूरे करियर में उनका पीछा नहीं छोड़ा। पहली बार वॉर्न विवादों में 1995 में घिरे जब उनके और मार्क वॉ के ऊपर मैच से पहले पिच के बारे में सट्टेबाजों को जानकारी देने के आरोप में जुर्माना लगाया गया। उसके बाद 2003 विश्वकप से ठीक पहले वार्न पर प्रतिबंधित दवा लेने का दोषी पाया गया और उन पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया गया। प्रतिबंध के बाद वापसी करते हुए वॉर्न ने दुबारा देश के लिए खेला। वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 1999 विश्वकप जितवाने में अहम भूमिका निभाई थी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वॉर्न आईपीएल से जुड़े और पहले ही संस्करण में राजस्थान रॉयल्स को अपनी कप्तानी में उन्होंने चैंपियन बनाया। #2. शोएब अख्तर 177a4-1510077541-800 रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर पाकिस्तान का यह तेज गेंदबाज क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज गेंदबाज माना जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम दर्ज है। इसके बावजूद अख्तर और विवाद हमेशा साथ चलते रहे हैं। अपने 15 साल के करियर में वो कई विवाद, चोट और राजनीति का शिकार हुए। युवा अख्तर ने अपनी गति से चयनकर्ताओं को ध्यान अपनी ओर खींचा और जल्द ही उनका चयन पाकिस्तान की टीम में हो गया। जहां उन्हें वसीम अकरम और वक़ार यूनुस जैसे गेंदबाजों से काफी कुछ सीखने को मिला। 2003 विश्वकप में खराब प्रदर्शन और उसके बाद कई विवादों और चोटों ने अख्तर के करियर को ग्रहण लग दिया था। इन सब के बावजूद यह गेंदबाज लगातार मेहनत करता रहा। कई कानूनी लड़ाईयां और चोट से उबरते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की और काफी समय तक टीम की गेंदबाजी की अगुआई करते रहे। फिर भी बीच-बीच मे वो चोट की वजह से कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बन पाए और 2011 विश्वकप के बाद उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। #3. हर्शल गिब्स _9cce9d6c-0731-11e7-a7e1-96e3e1e31959 दक्षिण अफ्रीका के पूर्व सलामी बल्लेबाज हर्शल गिब्स ने अपने 15 साल लम्बे अंतरराष्ट्रीय करियर में अपने खेल से दुनियाभर के खेल प्रशंसकों का काफी मनोरंजन किया था। इस धुंआधार बल्लेबाज ने 1996 में दक्षिण अफ्रीका के लिये अपना पहला मैच खेला और जल्द ही गैरी कर्स्टन के साथ शानदार साझेदारियां बनाकर टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। इसके बावजूद गिब्स कई मौकों पर विवाद से घिरे रहे। वेस्टइंडीज दौरे पर गांजा का इस्तेमाल करने के आरोप में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया। इसके अलावा गिब्स मैदान के बाहर फिक्सिंग के आरोप में भी घिरे। इस घटना के बाद दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए के क्रिकेट खेलने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया वहीं गिब्स पर 6 माह का प्रतिबंध लगा। इन सब से निकलने के बाद गिब्स ने मैदान पर शानदार वापसी की और उन्होंने अपने बर्ताव में भी काफी बदलाव किया। उन्होंने अपने बल्लेबाजी और फील्डिंग के दर्शकों को कई यादगार लम्हें दिए हैं जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। #4. मार्लोन सैमुअल्स f3e6a-1510077723-800 वेस्टइंडीज के प्रतिभाशाली ऑलराउंडर सैमुअल्स को अपने करियर के शुरुआत से ही संघर्ष करना पड़ रहा हैं। 2000 में अपने करियर का शुरुआत करने वाला दायें हाथ का यह बल्लेबाज और दायें हाथ का ही स्पिन गेंदबाज हालिया समय में कई मौकों पर वेस्टइंडीज टीम का नायक बनकर उभरा है। सैमुअल्स अपने पूरे करियर टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं। कभी निराशाजनक प्रदर्शन की वजह से तो कभी अपनी संदेहास्पद गेंदबाजी एक्शन की वजह से। अपनी गेंदबाजी एक्शन की वजह से उन पर दो बार प्रतिबंध भी लगा। पहली बार 6 महीने का और फिर एक साल का लेकिन फिर आईसीसी द्वारा गेंदबाजों को 15 डिग्री की छूट मिलने के बाद उन्हें इससे छुटकारा मिला। सैमुअल्स को 2012 और 2016 दोनों ही टी20 विश्वकप जिसमें वेस्टइंडीज ने जीत दर्ज की उसके फाइनल मुकाबले में 'मैन ऑफ द मैच' का पुरस्कार मिला। दोनों ही फाइनल मुकाबलों में दवाब में सैमुअल्स की पारी ने वेस्टइंडीज को टी20 का विश्व विजेता बनने में मदद की। #5. मोहम्मद आमिर Britain Cricket - Pakistan v India - 2017 ICC Champions Trophy Final - The Oval - June 18, 2017 Pakistan’s Mohammad Amir celebrates taking the wicket of India’s Virat Kohli Action Images via Reuters / Andrew Boyers Livepic EDITORIAL USE ONLY. पाकिस्तान हमेशा से अपनी तेज गेंदबाजी के लिए जाना जाता है। लगभग 18 साल की उम्र में 2009 टी20 विश्वकप में पदार्पण करने वाले मोहम्मद आमिर में महान गेंदबाज बनने के सारे गुण थे और उन्होंने शुरुआत में ही सभी को अपनी गेंदबाजी से काफी प्रभावित किया। सभी क्रिकेट विशेषज्ञों को आमिर में पाकिस्तान गेंदबाजी का भविष्य दिख रहा था।लेकिन, 2010 के पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे पर स्पॉट फिक्सिंग की खबरें आई। इसमें आमिर का भी नाम आया और उनपर 5 साल का प्रतिबंध लगा गया। उनके अलावा दो अन्य खिलाड़ी मोहम्मद आसिफ और सलमान बट्ट पर भी 5-5 साल का प्रतिबंध लगा। आमिर पर उस समय प्रतिबंध लगा जिस उम्र में तेज गेंदबाज के बाद सबसे ज्यादा मौके रहते हैं फिर भी आमिर ने 2016 में पाकिस्तान टीम में वापसी की और कड़ी मेहनत से उन्होंने फिर वही पुराने फॉर्म को पा लिया और विश्व के प्रमुख गेंदबाजों में अपनी जगह बना ली। 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में आमिर ने चि रप्रतिद्वंद्वी भारत के खिलाफ अद्भुत गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी उठाने में मदद की। इसके बाद से आमिर ने सभी का भरोसा जीत लिया और पाकिस्तान गेंदबाजी के सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बन गए लेखक- आनंद मुरलीधरन अनुवादक- ऋषिकेश सिंह

Edited by Staff Editor