शाकिब अल हसन निश्चित ही शॉर्ट फॉर्मेट में बांग्लादेश के सबसे अच्छे क्रिकेटर है। 2015 में उन्होंने अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कराया, क्योंकि वो एक साथ तीनों फॉर्मेट में नंबर 1 ऑल राउंडर बनने वाले पहले खिलाड़ी थे। वो एक अनुभवी खिलाड़ी है, उन्होंने अब तक 42 टेस्ट मैच खेले है, जिसमें 39.76 की औसत से उनके नाम 2,832 रन दर्ज हैं। साथ ही में उन्होंने 3 शतक भी लगाए है। 2011 में पाकिस्तान के बांग्लादेश दौरे के दूसरे टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में शानदार 144 रन बनाए और उसे बाद गेंदबाजी करते हुए 82 रन देकर 6 विकेट हासिल किए। साल 2014 में जब ज़िम्बाब्वे ने बांग्लादेश का दौरा किया, तब शाकिब का प्रदर्शन एक बार फिर जबर्दस्त रहा और दूसरे टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में 137 रन बनाए और मैच की दोनों पारियों में 5 विकेट हासिल किए। उस मैच में आंकड़े रहे पहली पारी में 80 रन देकर 5 विकेट, तो दूसरी पारी में उन्होंने 44 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। इस बार बांग्लादेश की टीम मैच जीतने में कामयाब रही। -मुश्ताक़ मोहम्मद (2 बार) मुश्ताक़ मोहम्मद पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर है और इसके साथ ही वो अपने देश के लिए खेलने वाले सबसे सफल ऑल राउंडर में से एक थे। मुश्ताक़ ने पाकिस्तान की 19 टेस्ट में कप्तानी भी की है। मुश्ताक़ मोहम्मद के 5 भाई थे, जोकि भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान में जाकर रहने लगे। 5 में से 4 भाइयों ने पाकिस्तान की तरफ इंटरनेशनल क्रिकेट खेला। उन्होंने नॉर्थहेम्पटनशायर के लिए काउंटी क्रिकेट भी खेली, वो एक कामयाब और काबिल लेग स्पिनर भी थे और उन्होंने टीम को पहली ट्रॉफी भी दिलाई। दाए हाथ के इस बल्लेबाज़ ने पाकिस्तान के लिए 10 टेस्ट मैच खेले ,जिसमें उन्होंने 10 शतक लगाए और उसमे न्यूज़ीलैंड के खिलाफ डुनेडिन में दोहरा शतक भी शामिल था। उसी मुक़ाबले में उन्होंने 5 विकेट भी हासिल किए। 4 साल बाद उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ साल 1977 में 121 रन की पारी खेली और 28 रन देकर 5 विकेट भी हासिल किए। -गैरी सोबर्स (2 बार) गैरी सोबर्स निश्चित ही वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे अच्छे ऑल राउंडर्स में से एक हैं, उनके आंकड़े यह बात साबित भी करते है। उन्होंने गेंद और बल्ले के साथ एक जैसा डोमिनेशन दिखाया। उन्होंने वेस्ट इंडीज के लिए 93 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 57.78 की औसत से रन बनाए, इसमें उन्होंने 26 शतक लगाए। उनका सर्वाधिक स्कोर 365 रनों का रहा, जो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ जमैका में 1958 में बनाया था। यह स्कोर काफी समय तक सर्वाधिक रहा अंत में इसे ब्रायन लारा ने साल 1994 में 375 रन बनाकर इसे तोड़ा। वेस्ट इंडीज के इस बल्लेबाज़ ने अपनी टीम को अपने दम पर कई मैच जिताए। साल 1962 में भारत के खिलाफ जमैका में उन्होंने पहली पारी में 104 रन बनाए और गेंदबाजी करते हुए दूसरी पारी में 63 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। साल 1966 में लीड्स में वेस्ट इंडीज के इस ऑल राउंडर ने पहली पारी में 174 रन बनाए और गेंदबाजी करते हुए 41 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। उनके इसी प्रदर्शन के दम पर वेस्ट इंडीज ने इंग्लैंड को एक पारी से हराया। - जैक कैलिस (2 बार) गैरी सोबर्स के बाद जिस ऑल राउंडर का नाम सबसे पहले दिमाग में आता है, वो है साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जैक कैलिस का। साल 2013 में वो टेस्ट और वनडे क्रिकेट में 10,000 रन और 250 विकेट लेने वाले वो पहले खिलाड़ी थे। कैलिस ने अपने करियर में 166 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उनके नाम सचिन तेंदुलकर(51) के बाद सबसे ज्यादा 45 शतक लगाए है। केप टाउन के इस खिलाड़ी ने साल 1999 में अपने घर में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 110 रनों की पारी खेली और उसके बाद शानदार गेंदबाजी करते हुए उन्होंने साउथ अफ्रीका को वेस्ट इंडीज के खिलाफ 5 मैच की सीरीज में 4-0 की बढ़त दिला दी। बांग्लादेश भी कैलिस के ऑल राउंड प्रदर्शन से बच नहीं पाई। बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दौरान उन्होंने टीम की इकलौती पारी में 139 रन बनाए और सिर्फ 4.3 ओवर में 21 रन देकर 5 विकेट लेकर बांग्लादेशी बैटिंग लाइन अप की कमर ही तोड़ दी। - इयान बॉथम( 5 बार) इयान बॉथम वर्ल्ड क्रिकेट में गैरी सोबर्स, जैक कैलिस के साथ ग्रेट ऑल राउंडर की लिस्ट में शामिल हैं। उनकी टेस्ट क्रिकेट में औसत 33.54 की है और उन्होंने इंग्लैंड के लिए 14 शतक लगाए है और इसके साथ ही उन्होंने 102 टेस्ट में 383 विकेट भी लिए है। दाए हाथ के इस बल्लेबाज़ ने इंग्लैंड को कई यादगार जीत दिलाई है और इसी के साथ ही वो सबसे तेज़ 1000 रन और 100 विकेट, 2000 रन और 200 विकेट और 3,000 रन और 300 विकेट लेने वाले खिलाड़ी भी थे। इयान बॉथम ने 5 बार एक ही टेस्ट में शतक और एक पारी में 5 विकेट हासिल किए हैं। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ उन्होंने यह मुकाम दो बार 1978 और 1984 में हासिल किया, तो बाकी तीन मौकों पर यह रिकॉर्ड पाकिस्तान, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आया। उनका सबसे यादगार पल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आया, जब साल 1981 की एशेज़ को बॉथम की एशेज़ भी कहा जाता था। तीसरे टेस्ट में बॉथम ने 95 रन देकर 6 विकेट हासिल किए और उसके बाद बल्लेबाज़ी करते हुए नाबाद रहते हुए 149 रन बनाए। अंत में इंग्लैंड की टीम वो टेस्ट 18 रन से जीत गई और सीरीज को 1-1 से बराबर करा दिया। बॉथम को उस मैच में मैन ऑफ द मैच चुना गया।