SLvIND: पांच खिलाड़ी जिन्हें भारतीय टी20 टीम में चुना जाना चाहिए था

श्रीलंका के खिलाफ एकमात्र टी-20 के लिए भारतीय टीम में कुछ प्रमुख नामों को शामिल नहीं किया गया है। टीम चयन के बाद मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा कि 2019 के विश्व कप को देखते हुए ये परिवर्तन किए गए हैं। उनका लक्ष्य 2019 विश्व कप तक ऐसे युवा खिलाड़ियों खिलाडियों का पूल तैयार करना है, जिनके पास प्रतिभा के साथ-साथ पर्याप्त अंतर्राष्ट्रीय अनुभव भी हो। वैसे तो यह एक बेहतर आइडिया है और काफी हद तक सफल भी हो सकता है लेकिन आज कल टी-20 विशेषज्ञों का जमाना है। इंग्लैण्ड,ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका कुछ ऐसी टीमें हैं जिनकी टी-20 टीम, वन-डे और टेस्ट टीम से एकदम अलग है। लेकिन भारतीय टीम अब भी इस क्रांतिकारी परिवर्तन को अपना नहीं पाई है। भारत के पास भी कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो क्रिकेट के इस सबसे 'छोटे फॉर्मेट' के 'बड़े उस्ताद' बन सकते हैं लेकिन उन्हें टीम में जगह नहीं मिल पा रहा है। ऐसे ही पांच प्रतिभाशाली खिलाड़ी जिन्हें श्रीलंका के खिलाफ टी-20 टीम के लिए चुना जाना चाहिए था लेकिन यह लॉटरी उनके हाथ नहीं लग पाई। सुरेश रैना श्रीलंका दौरे पर टीम में ना चुने जाने के बाद सुरेश रैना का भविष्य अनिश्चित सा दिखने लगा है। 2015 में केदार जाधव और हार्दिक पांड्या के उभार के बाद रैना ने अभी तक एक भी वनडे मैच नहीं खेला है। जाधव और पांड्या ने फिनिसर्स की भूमिका बहुत अच्छी तरीके से निभाई है, इसलिए रैना की वनडे टीम में वापसी की राह बहुत ही मुश्किल हो गई है। हालांकि, टी-20 में रैना के भविष्य के बारे में अभी भी कुछ भी कहना मुश्किल है, क्योंकि आकड़ों के लिहाज से वह भारत के सर्वश्रेष्ठ टी-20 बल्लेबाज हैं। सुरेश रैना के नाम लगभग 7,000 टी 20 रन दर्ज हैं और वह क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट में भारत के लीडिंग रन-स्कोरर हैं। इन आकड़ों की वजह से रैना टीम में जगह बनाने के वास्तविक हकदार हैं। 2017 की शुरुआत में उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टी 20 टीम में शामिल किया गया था लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अगले दो सीरिज के लिए उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। रैना का आईपीएल सीजन भी इस साल अच्छा गया था और अच्छे परफॉर्मेंस के साथ उन्होंने टीम में अपनी उपयोगिता के साथ-साथ अपनी फिटनेस भी साबित की। फिलहाल रैना टी 20 में अपने स्थान को फिर से हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हालांकि, भारत के सर्वश्रेष्ठ टी-20 बल्लेबाजों में से एक होने के बावजूद हालिया कुछ समय में उन्हें खुद को साबित करने का कोई खास मौका नहीं मिला है। हम तो बस यही कहेंगे कि 30 साल की उम्र में रैना के लिए अभी तक हार नहीं हुई है और वह उम्मीद करेंगे कि जल्द से जल्द टीम में उनकी वापसी हो। ऋषभ पंत rishabh-pant-m सिर्फ सुरेश रैना नहीं उनके जैसे कुछ और खिलाड़ी भी हैं, जो टी-20 टीम में अपना दावा रखते हैं लेकिन श्रीलंका के खिलाफ एकमात्र टी-20 के लिए नहीं चुना गया है। उनमें से एक ऋषभ पंत भी हैं। चयनकर्ताओं ने पंत के लिए एक असमंजस भरा मिश्रित संकेत भेजा है। मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने एक तरफ कहा कि पंत भविष्य के लिए एक बेहतर प्रतिभा हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि हम उन्हें एक ट्वेंटी 20 खिलाड़ी के रूप में अधिक जानते हैं, दूसरे फॉर्मेट में उन्हें टेस्ट किया जाना बाकी है। अगर हम पंत के फॉर्म और परफॉर्मेंस की बात करें तो उनका आईपीएल सीजन काफी अच्छा गया था। इसके अलावा उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय टी-20 कैरियर की शुरूआत भी काफी जोरदार तरीके से की। वह साल की शुरुआत में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम में थे लेकिन श्रीलंका के खिलाफ उन्हें नहीं चुना गया। हालांकि 19 वर्षीय इस खिलाड़ी का इंडिया ए टीम के लिए लिए हाल का दक्षिण अफ्रीका दौरा कुछ खास नहीं गया। लेकिन जिस खिलाड़ी ने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा दी हो, उनके लिए फॉर्म में वापसी करना कुछ खास मुश्किल नहीं है। सिद्धार्थ कौल siddharth एक लंबे समय से भारत में ऐसे गेंदबाजों की कमी थी, जो डेथ ओवर में निरंतरता से अच्छी गेंदबाजी कर सके। हालांकि, हाल के कुछ समय में भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाजों ने इस कमी को पूरा करने की कोशिश की है। शायद यही वजह है कि आईपीएल और दक्षिण अफ्रीका में ए सीरीज में प्रभावी प्रदर्शन करने के बाद भी टीम चयन के दौरान चयनकर्ताओं ने सिद्धार्थ कौल की चर्चा नहीं की। वनडे और टी 20 में गेंदबाजी करना लगभग समान माना जाता है क्योंकि दोनों ही सीमित ओवर के क्रिकेट हैं। लेकिन वास्तविकता इससे इतर है और दोनों फॉर्मेट में गेंदबाजी करने के लिए गेंदबाजों को अलग-अलग स्किल्स की जरुरत होती है। टी 20 में गेंदबाजी करना खुद एक कला है और विशेषकर डेथ ओवरों में गेंदबाजी करना और भी विशिष्ट कला है और इस कला में महारत हासिल करना बहुत ही मुश्किल काम है। लेकिन 2017 के आईपीएल सीजन में भुवनेश्वर कुमार के साथ कौल ने अपने इस प्रतिभा को दिखाया है कि उनके पास डेथ ओवर की गेंदबाजी योजनाओं को अंजाम देने के लिए कौशल और संयम दोनो है। श्रीलंका के खिलाफ टीम चुनने के दौरान 27 वर्षीय कौल निश्चित रूप से चयनकर्ताओं के रडार पर थे लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्हें टीम में नहीं चुना गया। जबकि शार्दुल ठाकुर जैसे कई नए चेहरे इस टीम में शामिल हैं। संदीप शर्मा sandeep आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद, संदीप शर्मा भारत के लिए अब तक सिर्फ दो टी-20 मैच खेले हैं। हालांकि 24 वर्षीय इस गेंदबाज के पास कुछ खास तेजी तो नहीं है लेकिन उसके पास एक सफल टी 20 गेंदबाज बनने के लिए जरुरी सभी स्किल्स हैं। स्लोवर गेंदें, यॉर्कर और बाउंसर- यह सभी विशेषताएं पंजाब के इस गेंदबाज के पास हैं। उन्होंने आईपीएल के अलावा घरेलू सीजन में भी लगातार विकेट लिए हैं। 2015 में जिम्बांबवे के खिलाफ भारत के लिए डेब्यू करने के बाद से संदीप ने आईपीएल के अगले दो सीजन में 32 विकेट लिए हैं। इस दौरान भारतीय गेंदबाजों में केवल भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह और युजवेंद्र चहल ने संदीप से ज्यादा विकेट लिए हैं। संदीप के लिए निराशाजनक बात यह है कि उनके अलावा यह तीनों गेंदबाज भारत की टी-20 की टीम में शामिल हैं। हालांकि संदीप के साथ अब भी उनकी उम्र है और वह उम्मीद कर रहे होंगे कि जल्द ही उन्हें इस प्रारूप में अपना कौशल दिखाने का मौका मिलेगा। क्रुणाल पांड्या krunaal हालांकि क्रिकेट में ऑलराउंडर्स हमेशा टीम के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी होते हैं लेकिन टी-20 फॉर्मेट में उनकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। अगर आप एक ऐसे बल्लेबाज हो जो कि कुछ अच्छे ओवर डाल सकें या ऐसे गेंदबाज हो जो अच्छी और तेज बैटिंग कर लेते हो, इसके अलावा आप फील्डर भी अच्छे हो तो आप क्रिकेट के इस सबसे फॉर्मेट के लिए किसी हीरे से कम नहीं हैं। क्रुणाल पांड्या कुछ इसी तरह के खिलाड़ी हैं जो अपने भाई हार्दिक की तरह टीम को अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों के साथ योगदान दे सकते हैं। इसलिए यह खासा आश्चर्यजनक है कि रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा को आराम देने के बाद चयनकर्ता इस ऑलराउंड विकल्प के साथ क्यों नहीं गए। जब चयनकर्ताओं ने युवराज सिंह को नकार दिया है, तो एक स्पिन ऑलराउंडर के तौर पर बड़ौदा का यह 26 वर्षीय क्रिकेटर चयनकर्तओं के लिए एक अच्छा टेस्टिंग विकल्प हो सकता था। हालांकि चयनकर्ता यह मौका लेने से चूक गए। लेखक - श्रीहरि अनुवादक - सागर

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