हालांकि क्रिकेट में ऑलराउंडर्स हमेशा टीम के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी होते हैं लेकिन टी-20 फॉर्मेट में उनकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। अगर आप एक ऐसे बल्लेबाज हो जो कि कुछ अच्छे ओवर डाल सकें या ऐसे गेंदबाज हो जो अच्छी और तेज बैटिंग कर लेते हो, इसके अलावा आप फील्डर भी अच्छे हो तो आप क्रिकेट के इस सबसे फॉर्मेट के लिए किसी हीरे से कम नहीं हैं। क्रुणाल पांड्या कुछ इसी तरह के खिलाड़ी हैं जो अपने भाई हार्दिक की तरह टीम को अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों के साथ योगदान दे सकते हैं। इसलिए यह खासा आश्चर्यजनक है कि रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा को आराम देने के बाद चयनकर्ता इस ऑलराउंड विकल्प के साथ क्यों नहीं गए। जब चयनकर्ताओं ने युवराज सिंह को नकार दिया है, तो एक स्पिन ऑलराउंडर के तौर पर बड़ौदा का यह 26 वर्षीय क्रिकेटर चयनकर्तओं के लिए एक अच्छा टेस्टिंग विकल्प हो सकता था। हालांकि चयनकर्ता यह मौका लेने से चूक गए। लेखक - श्रीहरि अनुवादक - सागर