यह दिखाने के प्रयास में कि उनमें अब भी काफी क्रिकेट बाकी है, कुछ महान क्रिकेटर अपनी महानता को ही कम कर रहे हैं। अपनी ऐसी जिद की वजह से वे युवा खिलाड़ियों को कम मौके मिलने की ही वजह बन रहे हैं। तो आइए नज़र डालते हैं ऐसे खिलाड़ियों पर जिन्हे अब आईपीएल से रिटायर हो जाना चाहिए।
युवराज सिंह
लगभग दो दशकों तक क्रिकेट प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले युवराज इन दिनों ख़राब फॉर्म से जूझ रहे हैं। किसी समय गेंद के सबसे घातक स्ट्राइकरों में से एक, युवी का इस आईपीएल में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन रहा है। उन्होंने 12 की औसत और 91 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए है, यह ऐसा प्रदर्शन है जो शायद हमने उनसे टेस्ट मैच में भी अपेक्षित ना किया हो। मोहम्मद कैफ और युवराज ने ही युवा खिलाड़ियों को डाइव लगाकर गेंद रोकना और कैच पकड़ना सिखाया है। लेकिन अब तो वह अपनी ओर आती गेंद को भी ठीक से नहीं पकड़ पाते। वह इस सीजन में अपनी 'घरेलू फ्रेंचाइजी' के लिए खेले और अब अगले साल की नीलामी का इंतज़ार ना कर उन्हें आईपीएल को यहीं पर अलविदा कह देना चाहिए।
काइरोन पोलार्ड
युवराज सिंह की तरह काइरोन पोलार्ड दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टी -20 खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। वेस्टइंडीज के इस ऑलराउंडर का प्रदर्शन तकरीबन दो साल से लगातार गिरता ही चला जा रहा है। यह आश्चर्य की बात है कि मुंबई इंडियंस ने इस वर्ष की आईपीएल नीलामी में उन्हें रिटेन किया जब दिल्ली डेयरडेविल्स ने 5.4 करोड़ रुपये उनको खरीदने के लिए दांव पर लगा दिए थे। उनके हालिया प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली की टीम खुश होगी कि वह उनकी टीम का हिस्सा नहीं बने। पोलार्ड सिर्फ 31 साल के हैं लेकिन वह आईपीएल में खेलने के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि अब उनकी फील्डिंग पहले जैसी नहीं रही और इस सीज़न में तो उन्होंने गेंदबाज़ी भी नहीं की।
विनय कुमार
विनय कुमार ने आईपीएल में औसत प्रदर्शन किया है लेकिन फिर भी वह हर सीज़न में किसी ना किसी टीम का हिस्सा बनने में कामयाब रहे हैं। हालाँकि घरेलू क्रिकेट में इस 34 वर्षीय गेंदबाज़ ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इस सत्र में उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ अपने संदिग्ध आखिरी ओवर के लिए कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी। उनके आखिरी ओवर में ड्वेन ब्रावो और रविंद्र जडेजा ने 17 रन बनाकर अपनी टीम को जीत दिला दी थी। ऐसा लगता है कि अब उन्हें आईपीएल को अलविदा कहकर घरेलू टूर्नामेंटों पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्यूंकि वह घरेलू क्रिकेट में अभी तक अच्छा प्रदर्शन करते आयें हैं और उन्हें वहीं अपने क्रिकेट करियर को समाप्त करना चाहिए।
ब्रेंडन मैकुलम
चेन्नई सुपर किंग्स ने ब्रेंडन मैकुलम को टीम में रिटेन ना करने का फैसला कर सब को हैरान कर दिया था। न्यूजीलैंड के यह बल्लेबाज आईपीएल में उनके सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक थे और उन्हें टीम से जाने देने को प्रशंसकों ने बड़ी गलती माना। लेकिन शायद चेन्नई का फैसला उचित था क्यूँकि मैकुलम पूरे सीज़न में ख़राब फॉर्म से जूझते नज़र आये हैं। आरसीबी के लिए उन्होंने सिर्फ 6 मैच खेले हैं और और बाकी मैचों में उनके स्थान पर मोईन अली को तरजीह दी गई। उन्होंने इस सत्र में 6 मैचों में केवल 21 की औसत से रन बनाए हैं और छक्के मारने के लिए प्रसिद्ध इस विस्फोटक बल्लेबाज़ ने इस सत्र में सिर्फ 6 छक्के लगाए हैं।
गौतम गंभीर
आईपीएल का पिछला सीज़न गंभीर के लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा था। पिछले सीज़न में कोलकाता नाइटराइडर्स में खेलने के बाद वह इस सीज़न में वह अपनी घरेलू फ्रेंचाइज़ी में लौट आए थे। हालाँकि यह सीज़न उनके लिए एक बुरे सपने जैसा होगा क्योंकि उन्होंने बहुत निराशाजनक प्रदर्शन किया। कुछ मैचों के बाद उन्होंने कप्तान का पद भी छोड़ दिया। इसके अलावा अगले मैचों में उनकी जगह युवा बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ को टीम में शामिल किया गया। गंभीर को अब अपना ध्यान घरेलू क्रिकेट खेलने पर देना चाहिए। वह भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं और आईपीएल में खराब प्रदर्शन की वजह से उन्हें टीम से बाहर किया जाना सभी क्रिकेट प्रशंसकों के लिए दुखद होगा। लेखक: योगेंदर अनुवादक: आशीष कुमार