इंडियन प्रीमियर लीग लगातार खिलाड़ियों की अदला-बदली के लिए जाना जाता है। खिलाड़ियों को नए सीज़न से पहले टीम से विदा किया जाता है और अगले सीज़न की नीलामी के लिए वो तैयार रहते हैं। कई खिलाड़ी रिटेन किए जाते हैं तो कई खिलाड़ियों को नई टीम मिलती है। टूर्नामेंट जीतने के बावजूद कई टीम कुछ बदलाव करती है, उनकी कोशिश होती है कि कुछ ‘कमज़ोर कड़ियों’ से पीछा छुड़ाया जाए। लेकिन आईपीएल इतिहास में कुछ ऐसे मौके भी आए हैं जब नई टीम में जाने के बाद भी कुछ खिलाड़ियों का आईपीएल ख़िताब जीतने का सौभाग्य मिला हो। हम यहां ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में चर्चा करेंगे जिन्होंने लगातार 2 साल 2 अलग-अलग टीम के साथ ख़िताब जीता है।
#5 अभिमन्यु मिथुन (मुंबई इंडियंस-2015 और सनराइज़र्स हैदराबाद-2016)
अभिमन्यु मिथुन ने 12 मई 2013 को आरसीबी टीम की तरफ़ से केकेआर के ख़िलाफ़ आख़िरी बार आईपीएल मैच खेला था। उसके बाद उन्होंने लगातार 2 साल तक 2 अलग-अलग टीम के साथ आईपीएल ख़िताब जीता है, लेकिन इस दौरान वो एक भी मैच नहीं खेल पाए थे। मिथुन को साल 2015 में मुंबई इंडियंस टीम ने ख़रीदा था। वो बिना पसीना बहाए आईपीएल चैंपियन बने थे। साल 2016 में मुंबई टीम ने मिथुन को विदा किया और उसी साल उन्होंने सनराइज़र्स हैदराबाद से नाता जोड़ा। यहां भी वो एक भी मैच खेलने में नाकाम रहे लेकिन वो लगातार दूसरी बार आईपीएल विजेता बने।
#4 आदित्य तारे (मुंबई इंडियंस-2015 और सनराइज़र्स हैदराबाद-2016)
आदित्य तारे ने मुंबई टीम में रहते हुए साल 2013 और 2015 में आईपीएल ख़िताब जीता है। वो पहली बार तब सुर्ख़ियों में आए थे जब उन्होंने साल 2014 में राजस्थान रॉयल्स टीम के ख़िलाफ़ आख़िरी गेंद पर छक्का लगाया था और मुंबई इंडियंस को प्लेऑफ़ में पहुंचाया था। साल 2015 में मुंबई इंडियंस की मज़बूत बैटिंग लाइन-अप की वजह से तारे को ज़्यादा मौका नहीं मिल पाया था। उन्होंने उस साल सिर्फ़ 2 मैच खेले थे और 14 रन बनाए थे। इसके बावजूद वो विनर मेडल घर ले जाने में कामयाब रहे थे। साल 2016 में मुंबई ने तारे को विदा कर दिया। उसी साल वो सनराइज़र्स हैदराबाद से जुड़े, लेकिन मैनेजमेंट का भरोसा जीतने में नाकाम रहे। उन्होंने 2016 के सीज़न में हैदराबाद की तरफ़ से सिर्फ़ 2 मैच खेले और महज़ 8 रन बनाए। इस सीजन में हैदराबाद ने फ़ाइनल में आरसीबी को हराकर पहला आईपीएल ख़िताब जीता था।
#3 सुर्यकुमार यादव (मुंबई इंडियंस-2013 और कोलकाता नाइटराइडर्स-2014)
सूर्यकुमार यादव अपने बेजोड़ बैटिंह स्टाइल के लिए जाने जाते हैं। वो साल 2013 में चैंपियन मुंबई इंडियंस टीम का हिस्सा थे, लेकिन वो इस साल एक भी आईपीएल मैच नहीं खेल पाए थे। साल 2014 में वो कोलकाता टीम में शामिल हुए। उन्होंने केकेआर के लिए 16 मैच खेले और 140 की स्ट्राइक रेट से 164 रन बनाए। उन्होंने साबित किया कि वो डेथ ओवर्स में कितने कारगर हैं। साल 2014 में केकेआर ने फ़ाइनल में पंजाब को हराया और इस तरह यादव के हिस्से में लगातार दूसरा आईपीएल ख़िताब आया।
#2 विनय कुमार (केकेआर-2014 और मुंबई इंडियंस-2015)
विनय कुमार आज जाना पहचाना नाम है, उन्होंने 3 बार आईपीएल ख़िताब जीता है। साल 2014 में वो केकेआर टीम का हिस्सा थे, वो इस टीम के लिए 9 मैच खेल पाए और 7 विकेट हासिल किए। इस साल उनकी केकेआर टीम ने आईपीएल ख़िताब जीता था। मुंबई इंडियन ने साल 2015 सीज़न के लिए विनय को अपनी टीम में शामिल किया। उन्होंने साल 2015 में 13 मैच में 7 विकेट हासिल किए। इस साल मुंबई इंडियंस ने फ़ाइनल में चेन्नई को हराकर ख़िताब जीता था। इसके साथ ही विनय के खाते में लगातार दूसरी आईपीएल ट्रॉफ़ी आई।
#1 कर्ण शर्मा (सनराइज़र्स हैदराबाद-2016 और मुंबई इंडियंस-2017)
कर्ण शर्मा को टीम में दोबारा शामिल न करना सनराइज़र्स हैदराबाद की एक बड़ी ग़लती थी। साल 2016 में वो हैदराबाद टीम का हिस्सा थे और ये टीम पहली बार आईपीएल चैंपियन बनी थी। वो उस साल 5 मैच में शामिल हुए लेकिन एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए। अगले साल वो हैदराबाद टीम से बाहर हो गए। मुंबई इंडियंस ने साल 2017 में कर्ण को 3.2 करोड़ रुपये में ख़रीदा था। उन्होंने उस साल 9 आईपीएल मैच में 13 विकेट हासिल किए थे। उनका सबसे बेहतरीन कारनामा साल 2017 के दूसरे क्वालीफ़ायर मैच में देखने को मिला, जब उन्होंने केकेआर के ख़िलाफ़ 4 ओवर में 16 रन देकर 4 विकेट हासिल किया था। राइज़िंग पुणे सुपरजायंट टीम के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में मुंबई को 129 रन के स्कोर को बचाना था। ऐसे में कर्ण शर्मा ने 4 ओवर में महज़ 18 रन दिए और मुंबई तीसरी बार आईपीएल चैंपियन बनी। लेखक- चिन्मय पागर अनुवादक- शारिक़ुल होदा