क्रिकेट में मुरली कार्तिक के भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया। एक शानदार स्पिनर होने के बावजूद वो कभी भी भारतीय टीम में नियमित जगह नहीं बना पाए। वजह थी उनके समय में भारतीय टीम में दो-दो दिग्गज मैच विनर स्पिनर हरभजन सिंह और अनिल कुंबले का होना। यही वजह रही की प्रथम श्रेणी मैचों में 650 विकेट लेने के बावजूद वो मात्र 8 टेस्ट मैच ही खेल पाए। हालांकि जब वर्ल्ड क्रिकेट में टी-20 मैचों का आगाज हुआ तो वो इस फॉर्मेट के भी अच्छे खिलाड़ी साबित हुए। टी-20 मैचों में उनका इकॉनामी रेट 7 से भी नीचे है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो कितने अच्छे गेंदबाज थे। 2013 के आईपीएल सीजन में वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम का हिस्सा थे। एबी डीविलियर्स भी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ही तरफ से खेल रहे थे। डीविलियर्स के लिए 2013 का सीजन काफी अच्छा रहा और उन्होंने 36 की औसत से 360 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट लगभग 165 का रहा। वहीं दूसरी तरफ आरसीबी की तरफ से खेलते हुए कार्तिक ने 9 मैचों में 11 विकेट चटकाए। 2014 के सीजन में वो किंग्स इलेवन पंजाब की टीम का हिस्सा रहे। इसके बाद उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया और क्रिकेट कमेंट्री करने लगे।