IPL: 5 खिलाड़ी जिन्होंने कई दफ़ा ख़िताब जीता, लेकिन आप शायद ये बात नहीं जानते होंगे

जब से आईपीएल की शुरुआत हुई है, कई शानदार खिलाड़ी इस टूर्नामेंट का हिस्सा रहे हैं। कई क्रिकेटर्स को आईपीएल ट्रॉफ़ी उठाने का मौका मिला है तो किसी के लिए ये अब तक एक ख़्वाब है। ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने आईपीएल ख़िताब एक से ज़्यादा बार जीता है लेकिन शायद ये बात आप नहीं जानते होंगे। हम यहां ऐसे ही 5 चौंकाने वाले नाम आपके सामने पेश कर रहे हैं।

#5 अभिमन्यु मिथुन- 2015 और 2016

अभिमन्यु मिथुन का आईपीएल करियर उतना यादगार नहीं रहा है क्योंकि उन्होंने इस टूर्नामेंट में महज़ 7 विकेट हासिल किए हैं। कुछ लोगों को याद होगा कि वो आरसीबी टीम का हिस्सा रहे हैं, जब बैंगलौर की टीम ने साल 2011 में अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया था। हांलाकि बहुत कम ही लोग ये बात जानते हैं कि मिथुन 2 बार आईपीएल चैंपियन बने हैं। साल 2015 में उन्हें मुंबई इंडियंस ने 30 लाख रुपये में ख़रीदा था, लेकिन टीम में लसिथ मलिंगा, मिचेल मैकलेनाघन और जसप्रीत बुमराह जैसे धाकड़ गेंदबाज़ के रहते हुए उन्हें मुंबई की तरफ़ से एक भी आईपीएल मैच खेलने का मौका नहीं मिला। उसी साल मुंबई इंडियंस ने फ़ाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स को हराकर आईपीएल ख़िताब जीता था। उसके अगले ही साल उन्हें सनराइज़र्स हैदराबाद टीम ने 30 लाख रुपये में ख़रीदा। लेकिन वो 2016 में भी पूरे सीज़न बेंच पर बैठे रहे और उसी साल हैदराबाद टीम आईपीएल चैंपियन बनी थी।

#4 एडेन ब्लिज़ार्ड - 2013 और 2015

एडेन ब्लिज़ार्ड ने साल 2011 के आईपीएल सीज़न में मुंबई इंडियंस के लिए कुछ मैच खेले हैं, उन्होंने उस दौरान एलिमिनेटर राउंड में कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ 30 गेंद में 51 रन की पारी खेली थी। उन्होंने साल 2012 में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के ख़िलाफ़ सिर्फ़ एक मैच खेला था जिस में वो शून्य पर आउट हुए थे। साल 2012 के बाद भी वो मुंबई इंडियंस का हिस्सा रहे लेकिन उन्हें फिर एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। साल 2013 में उनकी मुंबई टीम ने फ़ाइनल में चेन्नई को हराकर आईपीएल ख़िताब जीता था। ब्लिज़ार्ड के टीम में रहते हुए मुंबई ने साल 2015 में भी आईपीएल ट्रॉफ़ी पर अपना कब्ज़ा जमाया था, हांलाकि वो पूरे सीज़न मैदान से बाहर ही रहे थे।

#3 बेन हिलफ़ेनहॉस- 2011 और 2015

साल 2011 की आईपीएल नीलामी में चेन्नई सुपरकिंग्स ने बेन हिलफ़ेनहॉस को 1 लाख अमेरिकी डॉलर में ख़रीदा था। हांलाकि उस साल वो एक भी आईपीएल मैच नहीं खेल पाए थे, लेकिन उनकी टीम चेन्नई ने फ़ाइनल में आरसीबी को 58 रन से हराकर आईपीएल ट्रॉफ़ी जीती थी। वो साल 2014 तक चेन्नई टीम का हिस्सा रहे और उस दौरान 22 मैच में उन्होंने 22 विकेट हासिल किए। हिलफ़ेनहॉस को साल 2015 में जोश हेज़लवुड की जगह मुंबई इंडियंस टीम में शामिल किया गया। उस साल उन्होंने मुंबई के लिए एक भी मैच नहीं खेला लेकिन उनकी टीम टूर्नामेंट की विजेता रही। साल 2015 के आईपीएल फ़ाइनल में मुंबई इंडियंस ने चेन्नई सुपरकिंग्स को 41 रन से मात दी थी।

#2 मानविंदर बिसला- 2009, 2012 और 2014

मानविंदर बिसला के नाम 3 बार आईपीएल विजेता टीम का हिस्सा होने का सौभाग्य प्राप्त है। वो सबसे पहले डेक्कन चार्जर्स टीम में शामिल हुए थे। साल 2009 में डेक्कन टीम ने फ़ाइनल में बैंगलौर को हराकर आईपीएल ख़िताब जीता था, लेकिन बिसला को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। साल 2012 में वो कोलकाता नाइटराइडर्स में शामिल हुए थे, उस साल फ़ाइनल में वो जीत के हीरो रहे थे। उन्होंने 48 गेंद में 89 रन बनाकर केकेआर को पहली बार चैंपियन बनाया था। साल 2014 में भी केकेआर आईपीएल चैंपियन बनी थी, लेकिन उस सीज़न में बिसला ने अबु धाबी में राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ एकमात्र मैच खेला था जिसमें उन्होंने 3 रन बनाए थे।

#1 ड्वेन स्मिथ- 2009 और 2013

साल 2009 के आईपीएल सीज़न में ड्वेन स्मिथ ने डेक्कन चार्जर्स के लिए 8 मैच खेला था जिसमें उन्होंने 162.87 की स्ट्राइक रेट से 215 रन बनाए थे। वो डेक्कन टीम की तरफ़ से 5वें सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने थे। किंबरली में राजस्थान रॉयल्स टीम के ख़िलाफ़ डेक्कन को 53 रन से जीत हासिल हुई थी। उस मैच में वो मैच ऑफ़ द मैच ख़िताब से नवाज़े गए थे। साल 2009 में ही डेक्कन ने आईपीएल ख़िताब पर अपना कब्ज़ा जमाया था। साल 2012 में स्मिथ मुंबई टीम से जुड़े और 2013 में भी वो इसी टीम में बरकरार रहे। मुंबई ने साल 2013 में पहली बार आईपीएल ख़िताब जीता था। स्मिथ ने उस साल 32.15 की औसत से 418 रन बनाए थे। उन्होंने 2 बार मैच ऑफ़ मैच अवॉर्ड हासिल किया था। राजस्थान के ख़िलाफ़ क्वॉलिफ़ायर मैच में स्मिथ ने 44 गेंद पर 62 रन की पारी खेली थी जिसकी वजह से मुंबई की टीम फ़ाइनल में पहुंची थी। हांलाकि वो चेन्नई के ख़िलाफ़ फ़ाइनल मैच नहीं खेल पाए थे लेकिन मुंबई आईपीएल चैंपियन बनी थी। लेखक- नीलाभ्र रॉय अनुवादक – शारिक़ुल होदा