दक्षिण अफ्रीका के पूर्व टेस्ट कप्तान एबी डीविलियर्स ने 23 मई को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों को हैरान कर दिया। काफी लोगों के लिए यह ख़बर चौंकाने वाली इसलिए है क्योंकि उनका यह फैसला विश्व कप 2019 से पहले आया है। अपने इस फैसले पर डीविलियर्स ने कहा, "मैंने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेला है और ईमानदार से कहूँ तो मैं थक गया हूं। यह एक कठिन निर्णय है, मैंने इसके बारे में बहुत सोच समझ कर क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में क्रिकेट को अलविदा कहना चाहता हूँ।" तो आइये विश्लेषण करें उन 5 संभावित कारणों का, जिनकी वजह से हमारे समय के महानतम वनडे बल्लेबाज़ एबी डिविलियर्स ने संन्यास लेने का फैसला किया।
लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में व्यस्तता
एबी इस साल जनवरी से लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका की घरेलू श्रृंखला आम तौर पर मार्च में समाप्त होती है और इंडियन प्रीमियर लीग अप्रैल में शुरू होती है। डीविलियर्स ने 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में अपनी अंतरराष्ट्रीय करियर शुरुआत की और एक साल बाद वनडे में पर्दापण किया। इस करिश्माई बल्लेबाज़ ने दक्षिण अफ्रीका की ओर से खेलते हुए अपने टेस्ट करियर में 8,765 रन बनाए हैं और टेस्ट और वनडे क्रिकेट दोनों में उनका 50 से ज़्यादा का बल्लेबाजी औसत रहा है।
क्लबों और अंतरराष्ट्रीय टीमों के बीच वेतन समानता की कमी
क्लबों और अंतरराष्ट्रीय टीमों में वेतन समानता की स्पष्ट कमी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड के लिए तक खेलने वाले जोनाथन ट्रॉट ने छह साल में इतना कमाया है जितना एबी दक्षिण अफ्रीका के लिए खेलते हुए अपने पूरे करियर में नहीं कमा सके। इसके अलावा, आईपीएल में खिलाड़ियों को अच्छे पैसे मिलते हैं और ग्लोबल टी 20 लीग के रद्द होने के बाद, दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड पैसों की कमी से जूझ रहा है। हालांकि, यह उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेना का कारण तो नहीं हो सकता लेकिन इस बात पर कई लेखकों और विश्लेषकों का ध्यान नहीं गया है।
गिरती फ़िट्नेस
लगातार क्रिकेट खेलने से एबी डीविलियर्स की फिटनेस पर बुरा असर पड़ रहा था। इससे पहले लगातार क्रिकेट से बढ़ते मानसिक तनाव की वजह से उन्होंने 2016 से 2017 के मध्य तक क्रिकेट से एक साल तक अपने आप को दूर कर लिया था। इसे ध्यान में रखते हुए, यह माना जा सकता है कि क्रिकेट में व्यस्तता के कारण वे शारीरिक और मानसिक थकावट से परेशान थे। इस तथ्य को साबित करता है संन्यास के बाद उनका इंटरव्यू, जिसमें एबी ने कहा था कि उन्हें लगता है कि उनका 'तेल' ख़त्म हो गया है और वह बहुत थक गए हैं।
बढ़ती उम्र
एबी डीविलियर्स 34 वर्ष के हैं, वह पिछले 12 सालों से क्रिकेट खेल रहे हैं और अब वह अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताना चाहेंगे, जैसा कि अतीत में बहुत सारे क्रिकेटरों ने किया है। उन्होंने अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए 114 टेस्ट, 228 वनडे और 78 टी 20 खेले, जिनमें उन्होंने क्रमशः 8765, 9577 और 1672 रन बनाए हैं। उनके नाम वनडे इतिहास का सबसे तेज़ शतक का रिकॉर्ड भी दर्ज है, जो उन्होंने जनवरी 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 31 गेंदों में बनाया था। इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में भी उन्होंने 2011 में भारत के खिलाफ 75 गेंदों में से शतक बनाकर सबसे तेज़ टेस्ट शतक का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया था।
दक्षिण अफ़्रीका का ख़राब अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम
दक्षिण अफ्रीका का अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम अच्छा नहीं रहा है। डीविलियर्स के संन्यास लेने के पीछे यह भी एक कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए दक्षिण अफ्रीकी टीम को इस वर्ष श्रीलंका जैसी कमज़ोर टीमों के खिलाफ खेलना था और ऐसी टीमों के खिलाफ डीविलियर्स को कुछ साबित करने की ज़रूरत नहीं थी। दक्षिण अफ्रीकी टीम अपने से बेहतर टीमों के खिलाफ बहुत कम क्रिकेट खेलती है। इस प्रकार लगातार कमजोर टीमों के खिलाफ खेलने की बजाय डीविलियर्स ने क्रिकेट से संन्यास लेने को ही बेहतर माना होगा। डीविलियर्स ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि उनके पास विदेशों में खेलने के लिए "कोई योजना नहीं है" और वह दक्षिण अफ्रीका में घरेलू क्रिकेट खेलते रहेंगे। लेखक: उमैमा सैयद अनुवादक: आशीष कुमार