31 साल के पार्थिव पटेल ने भातीय क्रिकेट टीम में 8 साल के बाद वापसी की है। अतीत में बहुत कम ही क्रिकेटर ने ऐसी कामयाबी हासिल की है। टीम में वापसी को लेकर वो बेहद खुश हैं, और दूसरे क्रिकेटरों के लिए प्रेरणास्त्रोत भी। प्रेरणास्त्रोत इसलिए क्योंकि इसने हिम्मत नहीं हारी और लंबे समय तक टीम में वापसी को लेकर अपनी प्रतिभा को बरकरार रखा। इस साल टेस्ट टीम में जगहा मिलते ही, दोनों हाथों से उसे लपका और बेहतरीन प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं को सही ठहराया। अपने प्रदर्शन से टीम में लंबी पारी खेलने का दावा भी ठोक दिया है। रणजी ट्रॉफी के फाइनल में मुंबई के खिलाफ शतक जड़कर उन्होंने साबित कर दिया है कि दबाव में भी वो अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। फाइनल में पार्थिव के शतक के मदद से गुजरात ने पहली बार रणजी पर कब्जा जमाया। कई साल के अनुभव के साथ वो धोनी के रिप्लेसमेंट के लिए सटीक उम्मीदवारों में से एक हैं।