अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के बीच चल रहे ताजा विवाद के साथ, जून में इंग्लैंड के आयोजित होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी से भारतीय टीम बाहर हो सकती है। वैसे अभी के मुताबिक भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने जा रही है। हालांकि, ये भी सच है कि भारत के सारे मुकाबले पहले ही सोल्ड आउट हो चुके हैं, इसलिए अपना विरोध दर्ज कराने के लिए मैनेजमेंट अपनी बी टीम को इंग्लैंड भेज सकता था। इसका मतलब साफ है कि भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी जैसे विराट कोहली, एमएस धोनी, युवराज सिंह इस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं हो सकते थे और ये भी हो सकता है कि वो कोई नया कप्तान चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए भेजा जाता। ये वो पांच क्रिकेटर्स हो सकते थे, जो आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम की कप्तानी करने के सक्षम हैं: # सुरेश रैना ये वो खिलाड़ी हैं जिनके पास दूसरे दर्जे की भारतीय टीम कप्तानी करने का काफी अनुभव है, 2011 में वेस्टइंडीज और 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ रैना भारतीय टीम की कमान संभाल चुके हैं। ये भारत के दूसरे सबसे युवा कप्तान थे और इनकी सोच कई वेस्टइंडीज के दिग्गजों की तरह दिखती थी। मौजूदा वक्त में सुरेश रैना गुजरात लायंस के कप्तान हैं और 2016 के संस्करण में वो इस टीम को प्वाइंट टेबल में शीर्ष पर पहुंचा चुके हैं। हालांकि इस सीजन में उन्होंने खराब शुरुआत करने के बाद लय में लौटने की काफी कोशिश की लेकिन इस बार वो कोई खास कमाल नहीं कर पाए। अपनी खराब फॉर्म के चलते रैना काफी समय से भारतीय टीम से बाहर हैं, लेकिन इस मौके का फायदा लेकर रैना अपने प्रदर्शन से टीम में वापसी कर सकते हैं बल्कि अपना करियर भी स्थापित कर सकते हैं। #4 अंबाती रायडू अंबाती रायडू उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने काफी मेहनत की लेकिन उसके बावजूद उन्हें भारतीय टीम में खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले, हालांकि वो घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे हैं। 2013 में रायडू को उनकी मेहनत का इनाम मिला और उन्होंने जिम्बाव्वे के खिलाफ वनडे में डेब्यू किया। जहां उन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली और विराट कोहली के साथ मैच विनिंग पार्टनरशिप भी की। 34 वनडे मुकाबलों में 50 की औसत होने के बावजूद, उन्हें भारतीय टीम में अपनी छाप छोड़ने का ज्यादा मौका नहीं मिला। आज की तारीख में वो मुम्बई इंडियंस के मिडिल ऑर्डर में अहम रोल निभा रहे हैं। इतने अनुभव के साथ वो चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत की बी टीम को लीड करने के लिए बिल्कुल सही खिलाड़ी हैं। #3 मनीष पांडे 27 वर्षीय कर्नाटक के इस खिलाड़ी ने कई रोमांचक कारनामे किए हैं, रॉयल चैलेंजर बैंगलोर के वो पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने 2009 में आईपीएल में विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए शानदार शतक जड़ा था। उसी साल उन्होंने रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी का तमगा भी हासिल किया। लेकिन राष्ट्रीय टीम में उनका चयन 2015 में हुआ। भारतीय टीम के लिए खेले 12 मुकाबलों में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन उनकी फॉर्म लय में नहीं रही। उन्होंने 9 पारियों में 43.50 की औसत से 261 रन बनाए जिसमें 2016 में सिडनी वनडे में उनका मैच विनिंग शतक भी शामिल है जिसकी वजह से भारत को ऑस्ट्रेलिया को व्हाइट वॉश करने में काफी मदद मिली थी। अगर भारत अपनी दूसरे दर्जे की टीम भेजता है, तो मनीष पांडे एक बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं जिससे उनको भी अनुभव मिलेगा। #2 हरभजन सिंह भारत के अब तक के सबसे सफल ऑफ स्पिनर, बीसीसीआई ने इस साल हरभजन सिंह के साथ अपना करार कायम नहीं रखा। हरभजन आखिरी बार भारतीय टीम के लिए 2016 एशिया कप में यूएई के खिलाफ खेलते हुए नजर आए थे। हरभजन काफी अनुभवी खिलाड़ी हैं और आईपीएल में मुम्बई इंडियंस की कप्तानी करने के बाद उन्हें टीम को लीड करने का भी अनुभव मिल चुका है। अगर मैनेजमेंट भारत की ए टीम को इंग्लैंड नहीं भेजती है, तो हरभजन को बतौर स्पिनर और कप्तान के तौर पर भेजा जा सकता है। हरभजन ने 236 वनडे मैचों में 269 विकेट हासिल किए हैं जिसमें उनकी इकॉनमी 4.31 रही और औसत 33.35 रहा। #1 गौतम गंभीर 35 वर्षीय गौतम गंभीर पर भारतीय बोर्ड ने कभी कप्तानी के लिए भरोसा नहीं दिखाया, जो काफी शर्मनाक है, सिर्फ एक बार 2010 में न्यूजीलैंड के खिलाफ गंभीर को कप्तानी की कमान सौंपी गई थी और उस सीरीज को भारत ने 5-0 से अपने नाम किया था। उन्होंने साबित किया है कि वो आईपीएल के सबसे सफल कप्तान हैं, उन्होंने दो बार केकेआर को आईपीएल का चैम्पियन बनाया है। और जिस तरह से गौतम गंभीर फॉर्म में हैं और उनकी टीम खेल रही है उसे देख कर लगता है कि इस सीजन में भी वो आईपीएल की ट्रॉफी जीतनी की प्रबल दावेदार है। अच्छी कप्तानी के साथ-साथ गौतम गंभीर का बल्ला भी दम दिखा रहा है और इस सीजन में वो सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं। वो चैम्पियंस ट्रॉफी में शामिल होने के लिए बिल्कुल काबिल खिलाड़ी है और साथ ही वो भारत की बी टीम की कमाल संभाले के लिए एकदम सही खिलाड़ी हैं।