आज के टाइम में वर्ल्ड क्रिकेट में 50 ओवर वर्ल्ड कप से बड़ा शायद ही कोई मल्टी टीम टूर्नामेंट हो। हर एक क्रिकेटर का यह सपना होता हैं कि वो एक न एक बार तो विश्व कप खेले ही और साथ में उसको जीतने का सौभाग्य उसे मिले। हालांकि क्रिकेट में बहुत से ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्होने अपने करियर में विश्व कप में भाग तो लिया हैं, लेकिन उसे जीतने का मौका हर एक को नहीं मिला। उसके बाद क्रिकेट में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जिन्होने अपने देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया हैं, लेकिन उन्हें कभी भी विश्व कप की टीम का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला। इसके पीछे का कारण भी सीधा सा ही हैं उन क्रिकेटर को महत्व दिया जाता हैं, जोकि क्रिकेट के छोटे फोर्मेट में माहिर हो। आइये नज़र डालते हैं 5 ऐसे ही बड़े क्रिकेटर पर, जो कभी विश्व कप नहीं खेल पाये। # जस्टिन लैंगर(ऑस्ट्रेलिया) जस्टिन लैंगर ऑस्ट्रेलिया के उन महान ओपनर्स में से हैं, जिन्होने उनके लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेला हो। अपने 14 साल के करियर में लैंगर ने 105 टेस्ट खेले और उन्होने 45 की औसत से 7000 से ज्यादा रन बनाए। उन्होने अपनी साथ ओपनर मैथ्यू हेडन के साथ कई शानदार साझेदारियाँ की हैं। जस्टिन लैंगर का वनडे करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका, वो सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के लिए 8 मैच ही खेल पाए, जिसमें उन्होंने 160 रन ही बनाए, जिसमे एक भी अर्ध शतक भी शामिल नहीं था। वो उस एरा के इकलौते ऐसे ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाज़ थे, जोकि विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के लिए नहीं खेल पाए। उन्होने अपना आखिरी मैच 1997 में खेला था। # मैथ्यू होगार्ड(इंग्लैंड) मैथ्यू होगार्ड इंग्लैंड के सफलतम टेस्ट गेंदबाजों में से थे। उन्होने इंग्लैंड के लिए 67 टेस्ट खेले, जिसमे उन्होने 248 विकेट अपने नाम किए। उनके करियर का सबसे अच्छा प्रदर्शन 205 रन देकर 12 विकेट वो भी साउथ अफ्रीका के खिलाफ। इंग्लैंड ने जो 2005 में एशेज़ जीती थी, उसमे उन्होने अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि होगार्ड वनडे क्रिकेट में इतने सफल नहीं हो सके। उन्होने इंग्लैंड के लिए सिर्फ 26 मुक़ाबले ही खेले, जिसमे उन्होने सिर्फ 32 विकेट ही अपने नाम किए। उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन ज़िम्बाब्वे के खिलाफ आया था, जिसमे उन्होने 49 रन देकर 5 विकेट लिए थे। उन्होने अपना अंतिम मुक़ाबला 2006 में खेला था। होगार्ड 2003 की इंग्लैंड की वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा थे। # क्रिस मार्टिन क्रिस मार्टिन न्यूज़ीलैंड के सबसे अच्छे गेंदबाजों में से हैं। उनसे आगे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में सिर्फ रिचर्ड हेडली और डेनियल विटोरी ही हैं। उन्होने अपने 13 साल के करियर में 71 टेस्ट खेले, जिसमे उन्होने 233 विकेट अपने नाम किए। इसी बीच उन्होने 10 बार एक पारी में 5 या उससे ज्यादा विकेट भी लिए हैं, उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन 180 रन देकर 11 विकेट लिए थे, उन्होने यह कारनामा साउथ अफ्रीका के खिलाफ किया था। मार्टिन का वनडे क्रिकेट कुछ खास नहीं रहा और उन्होने 20 मुकाबलों में सिर्फ 18 विकेट ही अपने नाम किए। उन्होने 2007 विश्व कप में चोटिल गेंदबाज डैरल टफी की जगह टीम में इन्हें चुना गया था। हालांकि उस टूर्नामेंट में वो एक भी मुक़ाबला नहीं खेल पाए थे। #एलिस्टर कुक एलिस्टर कुक इस लिस्ट में शामिल इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं, जोकि अभी भी इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे हैं। कुक इंग्लैंड के सफल बल्लेबाजों और सफलतम कप्तानों में से रहे हैं। इन्हीं की कप्तानी में इंग्लैंड ने दो बार एशेज़ जीती थी। कुक ने इंग्लैंड के लिए 97 वनडे मुक़ाबले खेले हैं, तो यह देखकर काफी हैरानी होती हैं कि इतने मैच खेलने के बावजूद उन्होने आज तक वर्ल्ड कप में भाग नहीं लिया हैं। कुक आखिरी बार इंग्लैंड की वनडे टीम का हिस्सा दिसंबर 2014 में थे। उनके नाम 3000 से ज्यादा रन और उन्होने 5 शतक भी मारे हैं। #वीवीएस लक्ष्मण भारतीय टीम के संकट मोचन कहे जाने वाले लक्ष्मण का करियर शानदार रहा हैं। उन्होने अपने करियर में 134 टेस्ट खेले, जिसमे उन्होने 45 के ऊपर की औसत से 8781 रन बनाए, जिसमे 17 शतक भी शामिल थे। उनका सबसे बड़ा स्कोर 281 रन का हैं, जो उन्होने ईडन गार्डन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था। लक्ष्मण के वनडे क्रिकेट के प्रदर्शन के बारे में बोलना थोड़ा मुश्किल हैं। हालांकि उन्होने कुछ अच्छी पारियाँ ज़रूर खेली हैं, उन्होने वनडे में 6 शतक लगाए, जिसमे से 4 उन्होने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाए। उनकी औसत भी उनके खिलाफ 46.18 की थी। लेकिन उन्हें कभी भी विश्व कप खेलने का मौका नहीं मिला। 2003 के विश्व कप से पहले ऐसा लग रहा था कि लक्ष्मण को टीम में जगह मिलेगी, लेकिन अंतिम समय में टीम में उनकी जगह दिनेश मोंगिया को चुन लिया गया। लेखक- अभिनव , अनुवादक- मयंक महता