भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जब भी कोई मैच होता है, वह चर्चा का विषय बन जाता है। विश्व की दो मजबूत टीमों के बीच होने वाले हर एक मुकाबले को दर्शक भी खूब पसंद करते हैं। ऐसे में एक बार फिर दोनों टीमें आमने-सामने हैं। जहां एक बार फिर क्रिकेट के दीवानों के लिए शानदार मुकाबले शुरू होने वाले हैं। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्टीव वा और ब्रूस रीड ने भारत के खिलाफ ही अपना डेब्यू किया था। इसी तरह कई भारतीय दिग्गजों ने भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना डेब्यू किया। आज हम आपको ऐसे ही 5 भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने अपना डेब्यू मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही खेला था। हरभजन सिंह- बंगलौर, मार्च 1998 टर्बनेटर के नाम से लोकप्रिय रहे भारतीय ऑफस्पिनर हरभजन सिंह की पसंदीदा विरोधी टीम ऑस्ट्रेलिया ही रही है। इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि उन्होंने बंगलौर में मार्च 1998 में डेब्यू किया था। ऑस्ट्रेलियाई टीम के मौजूदा कोच डैरेन लेहमन ने भी इसी मैच में अपना डेब्यू किया था। इस मैच में अनिल कुंबले और वेंकटपति राजू के साथ भज्जी तीसरे स्पिनर के रूप में खेले थे। इस मैच में हरभजन ने 112 रन देकर लेहमन और ग्रेग ब्लेवेट को आउट किया था। इसके बाद दूसरी पारी में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था। ऑस्ट्रेलिया ने आराम से 194 रन के टारगेट को हासिल कर लिया था। लेकिन उसके बाद हरभजन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कई यादगार प्रदर्शन किया। गौतम गंभीर-मुंबई, नवंबर 2004 दिल्ली के बाएं हाथ के बल्लेबाज़ गौतम गंभीर ने साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में डेब्यू किया था। सहवाग के साथ सलामी बल्लेबाज़ी करने उतरे गंभीर ने पहली पारी में 3 रन बनाये थे। जहां भारतीय टीम 104 रन पर ऑलआउट हो गयी थी। गंभीर दूसरी पारी में ग्लेन मैकग्रा का शिकार बने और वह इस पारी में भी 1 ही रन बना सके। हालाँकि भारतीय टीम ने बड़ी मुस्तैदी से 107 रन को डिफेंड किया। उसके बाद गंभीर ने 58 टेस्ट मैचों में 4154 रन 40 के औसत से बनाये। उन्होंने चार साल बाद अपने करियर का उच्च स्कोर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 206 रन दिल्ली में बनाया था। चेतेश्वर पुजारा- बंगलौर, अक्टूबर 2010 ये वह दौर था जब भारतीय टीम राहुल द्रविड़ का रिप्लेसमेंट तलाश रही थी। जो सौराष्ट्र के बल्लेबाज़ की क्षमता में देखने को मिल रहा था। बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी के दूसरे टेस्ट मैच में पुजारा को टीम में मौका मिला। पुजारा सचिन के आउट होने के बाद लक्ष्मण की अनुपस्थिति में मैदान पर बल्लेबाज़ी के लिए उतरे। जहाँ वह मिचेल जॉनसन का जल्द ही शिकार हो गये। इस मैच में सचिन ने अपने करियर का चौथा दोहरा शतक बनाया। पुजारा को दूसरी पारी में तीसरे नम्बर पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजा गया जहाँ उन्होंने मिले मौके को भुनाते हुए 89 गेंदों में 72 रन बनाये। पुजारा भारत को लक्ष्य तक पहुंचाए बगैर आउट हो गये, लेकिन उन्होंने अपनी क्षमता का परिचय तब तक दे दिया था। शिखर धवन-मोहाली, मार्च 2013 दिल्ली के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी में डेब्यू किया था। जहाँ तीसरे टेस्ट में उन्हें खेलने का मौका मिला था। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में 408 रन बनाये थे। मुरली विजय और शिखर धवन ने भारत को बेहतर शुरुआत दी थी। सहवाग की जगह खेलने वाले धवन ने 85 गेंदों में शतकीय पारी खेली थी। स्पिनर जेवियर डोहर्टी के एक ओवर में उन्होंने 18 रन बनाये थे। भारत ने पहले विकेट के लिए 283 रन बिना विकेट खोये बनाये थे। शिखर धवन 187 रन बनाकर आउट हो गये थे। वहीं विजय ने 153 रन की पारी खेली थी। चोटिल होने की वजह से धवन दूसरी पारी में नहीं खेल पाए थे। लेकिन भारत ने आराम से 133 रन के लक्ष्य को हासिल कर लिया था। अजिंक्य रहाणे- दिल्ली, मार्च 2013 शिखर धवन ने पिछले टेस्ट में शानदार डेब्यू किया। लेकिन चोट की वजह से उन्हें अगले मैच में बाहर बैठना पड़ा। जिस वजह से अजिंक्य रहाणे को टीम में मौका मिला। सचिन के बाद रहाणे मैदान पर उतरे जहाँ वह मात्र 7 रन बनाकर नाथन लियोन का शिकार बन गये। इस मैच में जडेजा ने बेहतरीन गेंदबाज़ी की। जिसकी वजह से भारत ने इस मैच में 155 रन का लक्ष्य मिला था। रहाणे दूसरी पारी में भी ग्लेन मैक्सवेल की गेंद पर सस्ते में आउट हो गये थे। लेकिन भारत ने इस मैच को जीत लिया था। मौजूदा समय में रहाणे भारतीय टीम के अहम सदस्य हैं।