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ये वह दौर था जब भारतीय टीम राहुल द्रविड़ का रिप्लेसमेंट तलाश रही थी। जो सौराष्ट्र के बल्लेबाज़ की क्षमता में देखने को मिल रहा था। बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी के दूसरे टेस्ट मैच में पुजारा को टीम में मौका मिला। पुजारा सचिन के आउट होने के बाद लक्ष्मण की अनुपस्थिति में मैदान पर बल्लेबाज़ी के लिए उतरे। जहाँ वह मिचेल जॉनसन का जल्द ही शिकार हो गये। इस मैच में सचिन ने अपने करियर का चौथा दोहरा शतक बनाया। पुजारा को दूसरी पारी में तीसरे नम्बर पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजा गया जहाँ उन्होंने मिले मौके को भुनाते हुए 89 गेंदों में 72 रन बनाये। पुजारा भारत को लक्ष्य तक पहुंचाए बगैर आउट हो गये, लेकिन उन्होंने अपनी क्षमता का परिचय तब तक दे दिया था।
Edited by Staff Editor