5 प्रतिभावान भारतीय क्रिकेटर जिनके करियर की चमक फीकी होती गयी

विनोद काम्बली

जब आप अपने पहले रणजी मैच में पहली गेंद पर चक्का मारकर अपने करियर को शुरू करते हैं। लगातार 2 शतक बनाकर पहले भारतीय क्रिकेटर बनते हैं। 7 टेस्ट मैच में 4 शतक शामिल होते हैं। इसके बावजूद भी अगर वह खिलाड़ी मात्र 17 टेस्ट ही खेल पाए, जिसमें उसका औसत 54 के करीब हो। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में काम्बली ने 60 के औसत और 35 शतक की मदद से 10 हजार के करीब रन बनाये थे। काम्बली ने शेन वार्न के एक ओवर में 22 रन भी ठोंके थे। उनका रिकॉर्ड गजब का था। यद्यपि 100 वनडे मैच खेलने वाले काम्बली को 23 की उम्र में आखिरी टेस्ट खेलने का मौका मिला था। कुछ लोग काम्बली को सचिन से भी बेहतर खिलाड़ी मानते थे। लेकिन लम्बे प्रारूप में उनके प्रदर्शन में गिरावट के बाद वह सिर्फ पोस्टर चाइल्ड बनकर रह गये।

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