पिछले साल से भारतीय क्रिकेट टीम को वनडे क्रिकेट में अभूतपूर्व सफलता हासिल हुई है। भारतीय क्रिकेट टीम घरेलू जमीन पर ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी अपना परचम लहरा रही है। पिछले साल 2017 में इंग्लैंड में हुई चैंपियंस ट्राफी में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया था और टूर्नामेंट के फाइनल तक का सफर तय किया था। इसके बाद अब दक्षिण अफ्रीका में भारतीय टीम झंडे गाड़ रही है। टीम इंडिया के वनडे मैचों में शानदार प्रदर्शन के पीछे कुछ महत्वपूर्व घटक है जिनके कारण टीम को मजबूती हासिल होती है। आइए जानते हैं उन कारकों के बारे में जिनका टीम की जीत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है:
#5 सलामी साझेदारी
वनडे क्रिकेट में रोहित शर्मा और शिखर धवन टीम के सलामी बल्लेबाज हैं और टीम को मजबूत शुरुआत देने में कामयाब रहते हैं। पिछले काफी मैचों में रोहित और धवन की जोड़ी ने टीम इंडिया को शानदार शुरुआत देकर टीम को मजबूती प्रदान की है। इसके बाद टीम ने एक बड़ा स्कोर भी विरोधी टीमों के सामने रखा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि रोहित शर्मा और शिखर धवन से बेहतर भारतीय वनडे क्रिकेट के लिए सलामी बल्लेबाज के तौर पर कोई दूसरे खिलाड़ी नहीं हैं। रोहित शर्मा और शिखर धवन में टीम को मजबूत शुरुआत देने के लिए कई अहम साझेदारियों को भी अंजाम तक पहुंचाया है। अक्सर शिखर धवन को लेकर ये सवाल उठते रहे हैं कि विदेशी हालात में शिखर धवन टीम के लिए शानदार खेल नहीं दिखा पाते हैं लेकिन हालिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में शिखर धवन ने शानदार बल्लेबाजी कर अपने बल्ले से ही इस बात का जवाब दे दिया है। वर्तमान में विदेशी जमीन पर शिखर धवन की शानदार बल्लेबाजी फॉर्म भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सकारात्मक संकेत के रूप में देखी जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि साल 2019 में इंग्लैंड की धरती पर विश्व कप का आयोजन होना है।
#4 मज़बूत तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण
भारतीय वनडे टीम के पास भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह जैसे मजबूत तेज गेंदबाज हैं जो अपनी गेंदबाजी से विरोधी खेमे को तहस नहस करने के लिए काफी है। भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के तेज गेंदबाजी आक्रमण से आज अच्छे से अच्छा बल्लेबाज भी खौफ खाने लगा है। इससे पहले भारतीय टीम को स्पिन गेंदबाजी के लिए ज्यादा जाना जाता था जिसके कारण विदेशी धरती पर उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह जैसे तेज गेंदबाज आने के बाद विदेशी धरती पर भी टीम इंडिया शानदार प्रदर्शन करने लगी है। भुवनेश्वर कुमार अपनी स्विंग गेंदबाजी से गिल्लियां उडाने में माहिर हैं। भुवनेश्वर लगभग 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। इसके अलावा जसप्रीत बुमराह ने साल 2016 में भारतीय टीम के लिए पदार्पण किया था और तब से ही वे भुवनेश्वर कुमार का बखूबी साथ निभा रहे हैं। दोनों ही गेंदबाज अपनी गेंदबाजी से रन रोकने और विकेट लेने में टीम इंडिया के लिए कामयाब साबित हुए हैं। इससे पहले डेथ ओवरों में भारतीय गेंदबाज रन लुटाने के लिए जाने जाते थे लेकिन भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के टीम में आ जाने से डेथ ओवरों में भारत रन रोकने में सफल हो सका है। दोनों ही गेंदबाज डेथ ओवरों में टीम के लिए शानदार गेंदबाजी करने में कामयाब रहे हैं।
#3 चहल और कुलदीप की स्पिन जोड़ी
भारतीय टीम हमेशा से ही शानदार स्पिन गेंदबाजों के लिहाज से भाग्यशाली रही है। सौरव गांगुली की कप्तानी में पहले अनिल कुंबले और हरभजन सिंह थे तो वहीं महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया के पास रविंद्र जडेजा और आर अश्विन स्पिन गेंदबाज के रूप में टीम में शामिल थे। अब विराट कोहली की कप्तान में टीम इंडिया के पास युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के रूप में शानदार स्पिन गेंदबाज है जो अपनी फिरकी के दम पर विकेट लेने में माहिर हैं। इंडियन प्रीमीयर लीग में शानदार प्रदर्शन करने के बाद यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव लोगों की नजरों में आए। हालांकि जडेजा और अश्विन के टीम में होने के कारण दोनों को टीम में जगह बनाने के लिए थोड़ी मुश्किलों सामना करना पड़ा। साल 2017 में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के स्पिन गेंदबाज अश्विन और जडेजा जूझते नजर आए, जिसके कारण भारत को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद चयनकर्ताओं के जरिए चहल और कुलदीप को भारतीय टीम में जगह दी गई। भारतीय टीम में मौका मिलने के बाद दोनों ही स्पिन गेंदबाजों ने मौके को पूरी तरह से भुनाया। अपनी गेंदबाजी से दोनों गेंदबाजों ने टीम के लिए कई विकेट हासिल किए हैं। दोनों ही गेंदबाज अपनी फिरकी के जाल में विरोधी बल्लेबाजों को फांसने में माहिर हैं।
#2 मज़बूत बेंच
भारतीय क्रिकेट टीम में चयनकर्ताओं ने युवाओं को अपनी योग्यता दिखाने के लिए मौके दिए हैं। भारतीय टीम के पास अब इतने विकल्प हैं कि उनको अंतिम ग्यारह खिलाड़ियों के चयन के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके पीछे बड़ा कारण है कि टीम में हर कदम पर खिलाड़ियों के बीच काफी कड़ी सकारात्मक प्रतिस्पर्धा है। जिसका फायदा भी टीम को होता है। टीम में केएल राहुल सलामी बल्लेबाज के तौर पर बड़ी दावेदारी पेश करते हैं तो वहीं मध्यक्रम के लिए मनीष पांडे, श्रेयस अय्यर और दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ी भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहे हैं। स्पिन गेंदबाजी में कुलदीप और चहल टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अश्विन, जडेजा और अक्षर पटेल को भी नकारा नहीं जा सकता है। वहीं तेज गेंदबाजी में टीम के अनुभवी मोहम्मद शमी और उमेश यादव को बेंच पर समय बिताना पड़ रहा है। इसके अलावा जयदेव उनादकट, शार्दुल ठाकुर और सिद्धार्थ कौल जैसे युवा तेज गेंदबाज को शानदार प्रदर्शन के दम पर मौके मिल रहे हैं। भारत में वर्तमान में चयन करने के लिए खिलाड़ियों की भरमार है। अगर कोई नियमित खिलाड़ी चोट लगने या आउट ऑफ फॉर्म के चलते टीम से बाहर हो जाता है तो उसका रिप्लेसमेंट भी तुरंत टीम के पास मौजूद है।
#1 विराट कोहली
पूरी टीम को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए कप्तान की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली अपनी इस भूमिका को बखूबी निभा रहे हैं। विराट कोहली पूरी टीम को साथ लेकर चलते हैं और शानदार फैसलों से टीम को जीत तक पहुंचा रहे हैं। भारतीय टीम के लिए विराट कोहली ने 46 मैचों में टीम की कप्तानी की है और जिनमें 36 मैचों में टीम को जीत हासिल हुई है। इसके साथ ही उनकी कप्तानी में टीम की जीत का प्रतिशत 80 पहुंच चुका है। कभी हार न मानने वाले एक व्यक्तित्व के दम पर विराट कोहली टीम को जीत के पायदान तक पहुंचाने के लिए जी जान लगा देता है। कप्तानी के अलावा बल्लेबाजी में भी विराट का बल्ला आग उगल रहा है। विराट कोहली का एकदिवसीय क्रिकेट में अपना स्वर्णिम प्रदर्शन जारी है और विराट कोहली अब तक अपने वनडे करियर में 34 शतक बना चुके हैं। सचिन तेंदुलकर के बाद वनडे में शतक लगाने के मामले में विराट दूसरे पायदान पर हैं। विराट कोहली अपने बल्ले से हर विरोधी टीम के खिलाफ रन बना रहे हैं और शानदार फॉर्म में हैं। वर्तमान में टीम इंडिया में विराट कोहली एक महत्वपूर्ण बल्लेबाज के तौर पर टीम में जगह रखते हैं। लेखक: क्रिकविज़ अनुवादक: हिमांशु कोठारी