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स्पिन फ़्रेंडली पिचों पर एक बात और देखने को मिलती है कि स्टेडियम में बैठे दर्शकों की तरह मैदान के अंदर भी कुछ दर्शक होते हैं। जो बस चीज़ों को देखते रहते हैं और उसके अलावा वह अपने आप को असहाय महसूस करते हैं। हम बात कर रहे हैं तेज़ गेंदबाज़ों की, और अगर भारत ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सूखी और टर्न लेने वाली पिच बनाईं तो उन्हें ये सोच लेना चाहिए कि दोनों ही टीमों में अच्छे तेज़ गेंदबाज़ मौजूद हैं। लिहाज़ा तेज़ गेंदबाज़ अपने आपको बस एक दर्शक न समझें, इस बात का ध्यान भी बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट टीम को रखना होगा। कहीं ऐसा न हो कि पिच देखने के बाद जडेजा, अश्विन, सोढ़ी और सांटनर के मुंह में तो पानी आए, लेकिन इशांत, शमी, बोल्ट और साउदी मायूस हो जाएं।
Edited by Staff Editor