भारतीय युवा खिलाड़ियों को उड़ान भरने के लिए पंख देने का श्रेय राहुल द्रविड़ को जाता है
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अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम ने अपना परचम लहराया। पृथ्वी शॉ की कप्तानी में भारतीय टीम ने फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेटों से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार इस खिताब को अपने नाम किया। ये जीत इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि अंडर 19 विश्व कप न्यूजीलैंड की धरती पर खेला गया था और ज्यादातर भारतीय अंडर 19 खिलाड़ियों का विदेशी पिचों से अभी तक पाला नहीं पड़ा था। विदेशी धरती पर शानदार खेल दिखाकर खिताब को अपने नाम करना ही भारतीय टीम को सबसे अलग दिखाती है।
अपने ग्रुप मुकाबलों में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया, पपुआ न्यू गिनी और जिम्बाब्वे जैसी टीम को हराया तो वहीं बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसी टीमों को क्रमशः क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में पटखनी दी। अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बूते ही टीम इंडिया ने अंडर 19 विश्व कप के फाइनल तक का सफर तय किया।
इसके बाद फाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम पर शुरू से ही दबाव बनाए रखा और फाइनल मुकाबले में भी जीत हासिल की।
आइए जानते हैं उन वजहों के बारे में जिसके कारण भारतीय टीम ने अंडर 19 विश्व कप 2018 के खिताब को अपने नाम किया:
#5 कोच- राहुल द्रविड़
किसी भी टीम के मार्गदर्शन के लिए कोच की भूमिका अहम होती है। भारतीय अंडर 19 विश्व कप विजेता टीम के कोच भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ थे। इस टीम के लिए राहुल द्रविड़ के मुकाबले कोई और बेहतर कोच नहीं हो सकता था।
जब साल 2015 में उन्हें अंडर 19 टीम के तहत कोच नियुक्त किया गया, तब उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों की पहचान करके एक मजबूत टीम बनाई। राहुल द्रविड़ साल 2016 में भी अंडर 19 टीम के कोच रहे थे, साल 2016 की उस टीम ने अंडर 19 विश्व कप के फाइनल तक का सफर तय किया था और उपविजेता रही थी।
इसके बाद राहुल द्रविड़ ने ठान लिया की साल 2018 में इससे एक कदम और आगे बढ़ना है। अपने शानदार क्रिकेट करियर में राहुल द्रविड़ टीम को एक भी विश्व कप जीताने में नाकाम रहे थे। साल 2007 के विश्व कप में मिली हार का भी द्रविड़ को मलाल होगा, लेकिन कोचिंग में वो इसकी कसर पूरा करना चाहते थे और भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम को बेहतर बनाने के लिए वो जी जान से जुट गए। जिसकी बदौलत ही टीम ने अंडर 19 विश्व कप 2018 में सफलता हासिल की।
द्रविड़ ने वास्तव में भारतीय क्रिकेट में बहुत योगदान दिया है और कई युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया है ताकि भविष्य में वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देश का प्रतिनिधित्व कर सकें।