5 कारण जो सौरव गांगुली को एक महान कप्तान बनाते हैं

सौरव गांगुली के शानदार करियर के दौरान कई यादगार कहानियां बनी और उन्होंने कहीं न कहीं भारतीय क्रिकेट के खेलने के तरीकों को बदल दिया। बतौर कप्तान सौरव गांगुली की चर्चा हमेशा बल्लेबाज सौरव गांगुली से ज्यादा होती रही है। हालाँकि उनके आंकडें दिखाते हैं कि बल्ले से भी प्रदर्शन उतना ही अच्छा रहा था। लॉर्ड्स में अपने डेब्यू पर शतक बनाने के बाद, दादा भारत के लिए तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने और कुल 18,575 अंतरराष्ट्रीय रन बनाए। 1. अपने खिलाड़ियों के लिए लड़ना एक बेहतरीन कप्तान वह होता है जो अपने खिलाड़ियों के लिए लड़ सकता है। एक योद्धा की तरह गांगुली अपने खिलाड़ियों का सकारात्मक समर्थन करने के लिए जाने जाते थे। इसके चलते खिलाड़ी खुद भी उस विश्वास पर खरा उतरने और एक चैंपियन की तरह खेलने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते थे। गांगुली की नेतृत्व शैली के चलते उन्हें अपने खिलाडियों का सम्मान भी प्राप्त होता था। उन्होंने अपने खिलाड़ियों का साथ दिया और भारत को आत्मविश्वास से भरी टीम में ढाला।2. मैच फिक्सिंग प्रकरण के बाद टीम को फिर से एकजुट किया 2000 का फिक्सिंग प्रकरण निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट के सबसे निचले दौर में से एक था। बड़े बड़े नामों के इस फिक्सिंग गेट का हिस्सा होने के बाद, भारतीय क्रिकेट सबसे ख़राब दौर में था। प्रशंसकों ने उन पर विश्वास खो दिया था। दर्शकों ने हर भारतीय खिलाड़ी के प्रदर्शन को आंकना और संदेह करना शुरू कर दिया था। इसके बाद शुरू हुई उन्होंने टीम को एकजुट करने की शुरुआत की। इसके बाद अगले कुछ वर्षों में, अपने प्रेरणादायक नेतृत्व में गांगुली ने भारतीय टीम को सफलतायें दिलाई और दिल जीते। नतीजतन भारतीय क्रिकेट के लिए प्रशंसकों का विश्वास और प्यार जीवंत हो गया।3. भविष्य के सितारों को तैयार किया गांगुली के नेतृत्व में, कई महान भारतीय खिलाड़ियों ने अपने करियर की शुरूआत की। युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान और हरभजन सिंह, सभी का करियर गांगुली की कप्तानी में संवरा। वह गांगुली ही थे, जिन्होंने उन्हें डेब्यू के बाद इन्हें उचित मौके दिए थे। यहां तक कि अजित आगरकर और आशीष नेहरा, जिन्होंने भारत के लिए यादगार मैच जीते, गांगुली के नेतृत्व में खेले। यही नही भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी दादा ने तैयार किया था।4. आक्रामक ब्रांड की क्रिकेट खेलना दादा क्रिकेट के एक बेहद आक्रामक ब्रांड और विपक्षी टीम के ऊपर हावी होकर खेलने में विश्वास करते थे। इस प्रकार की क्रिकेट को हर सफल टीम द्वारा अपनाया जाता है। महान कप्तानों के पास अक्सर खतरे को भाप कर खेल में हावी होने की क्षमता होती है। कोलकाता के इस बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने वास्तव में ऐसा किया और भारत को अपनी कप्तानी में कई मैच जीताये।5. विदेशों में जीत भारतीय कप्तानों के लिए विदेशों में टेस्ट मैच जीतना सबसे मुश्किल रहा है। ’प्रिंस ऑफ कोलकाता’ ने यह कर दिखाया था। जब से गांगुली को भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था, तब से भारत ने विदेशों में एक अलग खेल दिखाना शुरू कर दिया। ये वो कारण थे जिनके चलते लोगों को लगता है कि गांगुली वास्तव में सर्वश्रेष्ठ भारतीय कप्तान थे। कई खिलाड़ी आएंगे और जायेंगे, लेकिन कोई भी सौरव गांगुली की जगह नही ले सकता है। लेखक: सौरभ श्रीवास्तव अनुवादक: राहुल पांडे

Edited by Staff Editor
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