बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच पी सारा ओवल स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में श्रीलंका ने 338 रन बनाए थे। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश की टीम ने दूसरे दिन एक समय पर 2 विकेट के नुकसान पर 192 रन बना लिए थे। लेकिन इसके बाद बांग्लादेश ने महज 6 रन के अंदर अपने 3 विकेट गंवा दिए और बांग्लादेश का स्कोर 198 रन पर 5 विकेट हुआ। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे बांग्लादेश के सबसे अनुभवी बल्लेबाज शाकिब उल हसन। ऐसे मुश्किल समय में शाकिब ने लंकाई गेंदबाजों पर जबरदस्त आक्रमण किया। उन्होंने 8 गेंदों में 18 रन बना डाले। उसके बाद अगले दिन अपनी तेज तर्रार पारी को आगे बढ़ाते हुए शाकिब ने 251 गेंदों पर 116 रन की शानदार पारी खेलकर बांग्लादेश को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। शाकिब जितने अच्छे टेस्ट खिलाड़ी हैं, लिमिटेड ओवर्स में भी उनका प्रदर्शन उतना ही अच्छा रहा है। पिछले कुछ सालों में कई बेहतरीन खिलाड़ियों ने बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व किया है। जिनमें हबीबुल बशर , मोहम्मद अशरफुल और तमीम इकबाल जैसे खिलाड़ी हैं। जिन्होंने अपने प्रदर्शन के दमपर बांग्लादेश के क्रिकेट फैंस को झूमने का मौका दिया। लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं कि शाकिब उल हसन इन सब पर भारी पड़ते हैं। और साथ ही हम आपको इसके पीछे की वजह भी बताते हैं। उपमहाद्वीप के बाहर भी कामयाब सबकॉन्टिनेंट के ज्यादातर खिलाड़ी उपमहाद्वीप में ही कामयाब हुए हैं लेकिन विदेश कंडीशन के मुताबिक खुद को ढालने में उतने असरदार नहीं रहे। विदेशी सरजमीं पर सबकॉन्टिनेंट के बल्लेबाज वहां गति और विकेट से मिलने वाले बाउंस के आगे मात खा जाते हैं। जबकि स्पिनर्स भी विदेशी पिचों पर सफल नहीं हो पाए लेकिन शाकिब एक अलग तरह के खिलाड़ी हैं। शाकिब काउंटी क्रिकेट, कैरिबियन प्रीमियर लीग और केएफसी टी 20 बिग बैश लीग में बेहद कामयाब खिलाड़ी रहे हैं। शाकिब ने ना सिर्फ इन लीग्स में अपनी फ्रेंचाएजी टीमों के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है बल्कि नेशनल टीम के लिए भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। शाबिक ने अपना टेस्ट शतक कनाडा के खिलाफ लगाया था हालांकि कनाडा क्रिकेट की कमजोर टीमों में शुमार है। लेकिन शाकिब ने ये शतक सैंट जॉन्स, एंटीगुआ में जमाया था। जबकि टेस्ट क्रिकेट में शाबिक का पहला शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ हैमिल्टन में निकला था। जो टेस्ट क्रिकेट की शानदार पारियों में शुमार है। बल्ले के साथ -साथ शाबिक गेंद से कमाल दिखाते हैं। शाकिब ने टेस्ट क्रिकेट में 3 बार 5 विकेट चटकाए हैं और तीनों बार उनको ये सफलता विदेशी सरजमीं पर ही मिली है। जबकि वनडे क्रिकेट में उन्होंने 1 बार 5 विकेट हासिल किए हैं। ये कारनामा उन्होंने जिम्बाब्वे में किया था। दबाव के समय किया अच्छा प्रदर्शन दबाव में अच्छे प्रदर्शन करने की शाकिब की क्षमता उन्हें दूसरे खिलाड़ियों से अलग बनाती है। जब भी बांग्लादेश की टीम को विकेटों की दरकार होती है तो उनकी सबसे बड़ी उम्मीद शाबिक ही होते हैं। ठीक ऐसे ही रन बनाने के मामले में भी शाकिब ही बांग्लादेश की रन मशीन हैं। शाकिब हर बार टीम मैनेजमेंट की और बांग्लादेशी फैंस की उम्मीदों पर खरे भी उतरे हैं। शाकिब ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला वनडे शतक जमाकर इस बात को साबित भी किया था। उस मुकाबले में बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 ओवर तक अपने 3 विकेट खो दिए थे। तब शाबिक ने कमान संभाली और जबरदस्त सैकड़ा जड़ा। इतना ही नहीं गेंदबाजी के मार्चे पर भी उन्होंने सभी को प्रभावित किया। शाकिब ने 3 कीवी बल्लेबाजों का अपना शिकार बनाया था। जिसके चलते कीवी टीम लक्ष्य से 8 रन पीछे रह गई। इसके बाद बांग्लादेश के कप्तान की जिम्मेदारी मिलने के बाद भी शाकिब के प्रदर्शन में किसी तरह की गिरावट नहीं आई। लीडरशिप बांग्लादेश के बेस्ट खिलाड़ी होने के चलते शाकिब युवा बांग्लादेशी खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल हैं। और वो उनकी तरह बनाना चाहते हैं। कप्तान के तौर पर शाकिब टीम को फ्रंट से लीड करते हैं। उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली है। वो साथी खिलाड़ियों के सामने अपनी बात को स्पष्ट तरीके से रखते हैं। मैदान पर शाकिब की पहचान एक अग्रेसिव खिलाड़ी की है। और यही अग्रेशन उनका अहम हथियार है जिसके दमपर वो कड़े फैसले लेते हैं। कप्तानी से हटने के बाद भी शाकिब के प्रदर्शन में किसी तरह की कोई कमी नहीं आई। कप्तान मशरफे मुर्तजा भले ही बांग्लादेश टीम की रीढ़ की हड्डी हों लेकिन शाकिब उल हसन जैसे खिलाड़ी को पूरा मुल्क सलाम करता है। निरंतरता किसी भी खेल में निरंतरता को बरकरार रखना सबसे मुश्किल काम है। यह एक ऐसी चीज है जो वर्ल्ड क्लास खिलाड़ियों को औसत दर्जे के खिलाड़ियों से अगल बनाती है। विश्व क्रिकेट की बात करें तो पिछले कुछ समय में शाकिब अल हसन से ज्यादा कंसीस्टेंसी किसी दूसरे खिलाड़ी ने नहीं दिखाई। शाकिब 2009 में ऑल राउंडर्स की रैंकिंग में नंबर 1 बने थे। तब से लेकर अबतक वो टॉप थ्री से नीचे नहीं आए। शाकिब ने जब 2006 में जिम्बाब्वे के खिलाफ डेब्यू किया था, तभी मालूम चल गया था कि बांग्लादेश को एक स्टार खिलाड़ी मिल चुका है। बांग्लादेश टीम की छवि ऐसी थी कि वो वर्ल्ड क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से बड़ी से बड़ी टीम को हैरान कर सकती है लेकिन बांग्लादेश की टीम के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी थी। लगातार अच्छा प्रदर्शन कर शाकिब ने जल्द ही बांग्लादेश की सीनियर टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। धीरे-धीरे वो बांग्लादेश के सबसे कामयाब बल्लेबाजों की सूची में शुमार हो गए। यहां तक ही बल्ले के साथ –साथ वो गेंद से भी प्रभावी रहे। 10 साल के अपने टेस्ट करियर में शाकिब की बल्लेबाजी औसत 40, जबकि गेंदबाजी औसत 32.68 है। वहीं वनडे क्रिकेट में शाकिब की बल्लेबाजी औसत 34.70 है और बॉलिंग औसत 28.07 है। हर रोल में फिट बैठते हैं बल्लेबाजी हो, गेंदबाजी हो, कप्तानी हो या फिर जरूरत पड़ने पर टीम के लिए ऑलराउंडर की भूमिका निभाना, शाकिब हर रोल में फिट बैठते हैं। आइए तथ्यों पर एक नजर डालते हैं। शाकिब ना सिर्फ सभी फॉर्मेंट्स में बांग्लादेश के दूसरे सबसे कामयाब बल्लेबाज हैं बल्कि वो बांग्लादेश के सबसे कामयाब गेंदबाज भी हैं। शाकिब लिमिटेड ओवर्स के क्रिकेट के साथ- साथ टेस्ट क्रिकेट में भी सफल रहे हैं। शाकिब तीनों फॉर्मेट में ऑलराउंडर्स की रैंकिंग में टॉप पर रहे हैं। ये उपलब्धि उनके अलावा और कोई खिलाड़ी हासिल नहीं कर पाया। शाकिब बांग्लादेश के औसत दर्जे की बैटिंग लाइन अप को मजबूती देते हैं और टीम के स्पिन अटैक की कमान भी संभालते हैं। हालांकि फील्डिंग के मोर्चे पर शाकिब थोड़े से कमजोर नजर आते हैं। बावजूद इसके वो कई बांग्लादेशी फील्डर्स से बेहतर हैं। शाकिब के टीम में होने से बांग्लादेश की टीम संतुलित नजर आती है। शाकिब ये खासियत ही उन्हें इस मौजूदा दौर का सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर बनाती है। और शाकिब इस दौर में तीनों फॉर्मेट्स के बेस्ट ऑलराउंडर हैं।