शाकिब अल हसन को बांग्लादेश का श्रेष्ठ खिलाड़ी बनाने वाले 5 कारण

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निरंतरता
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किसी भी खेल में निरंतरता को बरकरार रखना सबसे मुश्किल काम है। यह एक ऐसी चीज है जो वर्ल्ड क्लास खिलाड़ियों को औसत दर्जे के खिलाड़ियों से अगल बनाती है। विश्व क्रिकेट की बात करें तो पिछले कुछ समय में शाकिब अल हसन से ज्यादा कंसीस्टेंसी किसी दूसरे खिलाड़ी ने नहीं दिखाई। शाकिब 2009 में ऑल राउंडर्स की रैंकिंग में नंबर 1 बने थे। तब से लेकर अबतक वो टॉप थ्री से नीचे नहीं आए। शाकिब ने जब 2006 में जिम्बाब्वे के खिलाफ डेब्यू किया था, तभी मालूम चल गया था कि बांग्लादेश को एक स्टार खिलाड़ी मिल चुका है। बांग्लादेश टीम की छवि ऐसी थी कि वो वर्ल्ड क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से बड़ी से बड़ी टीम को हैरान कर सकती है लेकिन बांग्लादेश की टीम के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी थी। लगातार अच्छा प्रदर्शन कर शाकिब ने जल्द ही बांग्लादेश की सीनियर टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। धीरे-धीरे वो बांग्लादेश के सबसे कामयाब बल्लेबाजों की सूची में शुमार हो गए। यहां तक ही बल्ले के साथ –साथ वो गेंद से भी प्रभावी रहे। 10 साल के अपने टेस्ट करियर में शाकिब की बल्लेबाजी औसत 40, जबकि गेंदबाजी औसत 32.68 है। वहीं वनडे क्रिकेट में शाकिब की बल्लेबाजी औसत 34.70 है और बॉलिंग औसत 28.07 है।

Edited by Staff Editor
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