धोनी ने अपनी कप्तानी में पहली वनडे सीरीज 2008 में ऑस्ट्रेलिया में हुए सीबी सीरीज में जीती। धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम ने उस समय दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराकर सीरीज अपने नाम किया। उस समय ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान रिकी पोन्टिंग ने भारतीय टीम को पहले 2 फाइनल में हराने का दावा किया था, लेकिन इंडियन टीम ने उनको गलत साबित कर दिया। लेकिन इस सीरीज से पहले भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी। भारतीय टीम ने अपने 2 बड़े खिलाड़ियों सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को टीम में जगह नहीं दी थी। इस पर कप्तान धोनी का कहना था कि इस तरह का संदेश सभी खिलाड़ियों में भेजना जरुरी होता है कि टीम से बड़ा कुछ भी नहीं होता। यही वजह रही कि उन्होंने हर समय युवा खिलाड़ियों का समर्थन किया। सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में जहां युवराज सिंह, हरभजन सिंह और जहीर खान जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को तैयार किया तो वहीं धोनी ने अश्विन, जडेजा, मुरली विजय और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में काफी मदद की। ये खिलाड़ी अब भारतीय टीम का अहम हिस्सा हैं। गांगुली ने अपनी कप्तानी में जो टीम तैयार की थी उससे धोनी को काफी फायदा मिला था, ठीक उसी तरह धोनी ने अपनी कप्तानी में जो टीम तैयार की है उससे आने वाले दिनों में कोहली को काफी फायदा मिलेगा।