5 ऐसी वजहें जिसकी वजह से धोनी बने इतने बड़े कप्तान

3. टीम में चयन के लिए फिटनेस और फील्डिंग को सबसे ज्यादा जरुरी बनाना
during the 2015 ICC Cricket World Cup match between South Africa and India at Melbourne Cricket Ground on February 22, 2015 in Melbourne, Australia.

90 के दशक और 2000 के शुरुआत में भारतीय टीम की फील्डिंग उतनी अच्छी नहीं थी। दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलियाई टीम की फील्डिंग के सामने भारतीय टीम की फील्डिंग काफी कमजोर थी। लेकिन धोनी ने कप्तान बनते ही सबसे पहले भारतीय टीम की फील्डिंग और फिटनेस में सुधार पर काम किया। 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में उन्होंने ये कहकर भारतीय क्रिकेट में भूचाल ला दिया था कि गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर में से कोई 2 ही टीम में जगह बना सकता है। क्योंकि इन खिलाड़ियों की फील्डिंग उतनी अच्छी नहीं है। ये खिलाड़ी कितने बड़े प्लेयर हैं इस बात को बताने की जरुरत नहीं है लेकिन धोनी ने ऐसा कहकर साफ संदेश दे दिया की टीम में बने रहने के लिए ना केवल फॉर्म बल्कि फील्डिंग और फिटनेस भी उतना ही जरुरी है। धोनी ने खुद कई मौकों पर इसका उदाहरण पेश किया। अपने पूरे करियर में धोनी मैदान पर काफी फुर्तीले रहे हैं। कई बार अपनी विकेटकीपिंग से उन्होंने सभी क्रिकेट फैंस को हैरान कर दिया। वहीं उनके बाद आई युवा खिलाड़ियों की फौज भी काफी फिट थी। टीम में अभी जो खिलाड़ी हैं सबकी फील्डिंग लाजवाब है, कप्तान कोहली खुद भी बहुत अच्छे फील्डर हैं। ऐसे में अपनी फील्डिंग से ये खिलाड़ी मैच में काफी अंतर पैदा कर देते हैं जो कि जीतने के लिए काफी अहम होता है।