5 ऐसी वजहें जिसकी वजह से धोनी बने इतने बड़े कप्तान

4. खेल के दौरान एकदम शांत रहना
MELBOURNE, AUSTRALIA - MARCH 19: MS Dhoni of India bats during the 2015 ICC Cricket World Cup match between India and Bangldesh at Melbourne Cricket Ground on March 19, 2015 in Melbourne, Australia.  (Photo by Robert Cianflone/Getty Images)

कुछ संदर्भ में हम ये कह सकते हैं कि कप्तान उतना ही अच्छा होगा जितनी अच्छी उसकी टीम होगी, लेकिन यहां ये भी ध्यान देने वाली बात है कि एक कप्तान ही टीम को बनाता है। रिकी पोंटिंग और उनकी टीम ने काफी शानदार क्रिकेट खेला था। वहीं सौरव गांगुली एक आक्रामक खिलाड़ी थे जो उनकी टीम में भी दिखता था। अनिल कुंबले दृढ़ संकल्प वाले खिलाड़ी थे और वो चीज उनकी टीम में दिखती थी। 2008 में पर्थ में खेला गया वो टेस्ट मैच कौन भूल सकता है। आक्रामकता के दौर में जब धोनी टीम के कप्तान बने तो उन्होंने भारतीय टीम का पूरा नजरिया ही बदल दिया। पहले भारतीय टीम जहां बड़े स्कोर का पीछा करते हुए दबाव में बिखर जाती थी, धोनी की कप्तानी में टीम ने दबाव झेलना सीखा। पहले कई बार ऐसा होता था कि अच्छी स्थिति में होने के बावजूद टीम हार जाती थी। लेकिन धोनी ने अपनी कप्तानी से सभी खिलाड़ियों में ऐसा विश्वास पैदा किया कि वो मुश्किल से मुश्किल हालात का सामना करने से पीछे नहीं हटे। धीरे-धीरे पूरी भारतीय टीम का लुक बदल गया। एक समय लक्ष्य का पीछा करते हुए धड़ाम हो जाने वाली भारतीय टीम रन चेज की सबसे बड़ी टीम बन गई। पिछले 2 सालों में धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने लक्ष्य का पीछा करते हुए कई बड़े मैचों में जीत हासिल की। इसके पीछे सबसे बड़ा योगदान वर्तमान कप्तान विराट कोहली का है, लेकिन धोनी ने भी कोहली से कम मैच नहीं जिताए हैं। अपनी कप्तानी में धोनी ने 43 पारियों में लक्ष्य का पीछा करते हुए 1558 रन बनाए। जिसमें से टीम का जीत औसत शानदार 91.64 है। धोनी के एट्टीट्यूड ने सभी खिलाड़ियों का नजरिया बदल दिया और टीम चेज करने में माहिर हो गई।

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