इन 5 वजहों से चार दिनों का टेस्ट मैच नहीं होना चाहिए

SMITH

#4 पिच में वक़्त पर दरार पैदा नहीं होगी

Ad
PITCH

जैसी पिचों का इस्तेमाल आज किया जाता है वैसा करीब 18 महीने पहले नहीं होता था। वक़्त के साथ पिच में भी काफ़ी बदलाव आया है। नई पिचों में सभी को फ़ायदा मिलता है जैसे कि बल्लेबाज़, तेज़ गेंदबाज़ और स्पिनर। इसलिए मौजूदा वक़्त में हमें दिलचस्प टेस्ट मैच देखने को मिल रहा है। अगर 4 दिनों के टेस्ट मैच की शुरुआत हो गई तो घरेलू टीम पिच के साथ फेरबदल शुरू कर देगी। मुमकिन है कि मेजबान टीम पिच पर कुछ घास छोड़ देगी जिससे मैच के नतीजे में बदलाव आ जाए। साल 2015 की फ़्रीडम सीरीज़ हो या जब साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका का दौरा किया था, तब पिच काफ़ी टर्न ले रही थी, जिससे बल्लेबाज़ों को रन बनाने में मुश्किल आ रही थी। इन सीरीज़ों में किसी टीम का सर्वाधिक स्कोर 355 और 334 था। कई टेस्ट मैच 3 दिनों में ही ख़त्म हो गए थे। इसलिए ये ज़रूरी है कि बल्ले, गेंद और पिच में संतुलन बना रहे जिससे टेस्ट का रोमांच बरक़रार रहे।

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications