2011 वर्ल्ड कप से साउथ अफ्रीका के बाहर होने के बाद ग्रीम स्मिथ ने कप्तानी छोड़ दी थी। जिसके बाद एबी डीविलियर्स को टीम का कप्तान बनाया गया। वहीं जब टेस्ट में हाशिम अमला को स्मिथ की जगह कप्तान बनाया गया तो डीविलियर्स थोड़ा निराश हुए। डीविलियर्स हमेशा से टेस्ट मैचों में भी टीम की कप्तानी करना चाहते थे। हालांकि उनका ये सपना भी पूरा हो गया। हाशिम अमला के कप्तानी छोड़ने के बाद डीविलियर्स को टेस्ट टीम की भी कमान सौंप दी गई। हालांकि डीविलियर्स ज्यादा दिन कप्तान नहीं रह पाए। उन्होंने मात्र 2 मैचों में कप्तानी की जिसमें 36 रन बनाए। इनमें से 3 बार तो वो बिना खाता खोले आउट हो गए। जिस तरह से महेंद्र सिंह धोनी को पता था कि उनके टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद विराट कोहली टीम को अच्छी तरह से संभाल सकते हैं। ठीक उसी तरह डीविलियर्स को टीम में एक अच्छा कप्तान दिख गया। फाफ डू प्लेसी के रुप में साउथ अफ्रीका की टीम को एक बेहतरीन कप्तान मिला। जब डीविलियर्स की गैरहाजिरी में डू प्लेसी को स्टैंड इन कप्तान बनाया गया तो उन्होंने शानदार तरीके से टीम का नेतृत्व किया तो सभी को लगा कि डीविलियर्स की जगह पर डू प्लेसी शानदार विकल्प साबित हो सकते हैं। इसके बाद उन्हें टीम का कप्तान बना दिया गया।