अश्विन और जडेजा ने ये साबित किया है कि वो निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाज़ी करने का हुनर रखते हैं। ये दोनों जब वनडे टीम में थे तब लगातार बल्ले से कमाल दिखा रहे थे। उनकी मौजूदगी में टीम इंडिया के बैटिंग लाइन-अप को मज़बूती मिलती थी। अगर मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ नकाम रहते थे तब अश्विन और जडेजा ही रन बनाते थे। भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक दशक से ज़्यादा वक़्त तक टीम इंडिया की जान रहे। जब धोनी फ़ॉम में नहीं थे तब टीम मैनेजमेंट ने कई बल्लेबाज़ों को मिडिल ऑर्डर में आज़माया लेकिन उसका कुछ ख़ास फ़ायदा नहीं मिला। टीम इंडिया की तरफ़ से ज़्यातार रन रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली ही बना रहे हैं। जडेजा ने वनडे में 10 अर्धशतक और 155 विकेट हासिल किए हैं। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने टेस्ट क्रिकेट में भी 10 अर्धशतक लगाए हैं। उनका वनडे में स्ट्राइक रेट 85 के आसपास है जो उनकी क़ाबिलियत को साबित करता है। आर अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में 4 शतक और 11 अर्धशतक लगाए हैं। हांलाकि वो वनडे में जडेजा जितने कामयाब नहीं हो पाए हैं लेकिन वो एक अच्छे बल्लेबाज़ी साझेदार की भूमिका निभाते हैं। वो टीम की ज़रूरत के वक़्त काफ़ी काम आते हैं। अगर अश्विन और जडेजा को टीम में वापस बुला लिया जाए हैं भारत की बल्लेबाज़ी में धार आ जाएगी। किसी भी बड़े स्कोर को बनाना या उसे पार करना आसान हो जाएगा। अब ये चयनकर्ताओं और कप्तान विराट कोहली पर निर्भर करता है कि वनडे में जडेजा और अश्विन को जगह मिलती है या नहीं। लेखक- बारकाएडमाइरर्स अनुवादक- शारिक़ुल होदा