ऑस्ट्रेलियाई टीम भले ही इस वनडे क्रिकेट की रैंकिंग में नंबर एक पर न हो लेकिन स्टीव स्मिथ की ये टीम चैंपियंस ट्रॉफी जीत सकती है। इससे ऑस्ट्रेलिया दो बार चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुकी है और इस बार वह चैंपियन बनी तो वह तीसरी बार ख़िताब पर कब्जा करेगी। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस समय सबसे संतुलित टीम है, भले टीम के खिलाड़ियों के दिमाग अपने बोर्ड से पेमेंट को लेकर रस्साकसी चल रही हो लेकिन उनका फोकस ख़िताब पर टूर्नामेंट की शुरुआत से ही है। मौजूदा समय में वनडे विश्वकप की चैंपियन टीम इंग्लैंड में हो रहे आईसीसी के इस टूर्नामेंट की प्रबल दावेदार है। इसके पांच कारण ये रहे: वार्नर और स्मिथ की कॉम्बो जोड़ी साल 2016 की शुरुआत में एक खिलाड़ी ने वनडे क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया, उसने रनों का अम्बार लगाया और शतक बनाने का भी रिकॉर्ड बनाया। वह खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज़ डेविड वार्नर थे, वह वनडे गेंदबाजों को नाश्ता और खाना समझते थे। वनडे में उनके 18 महीने बेहद अहम रहे हैं। छोटे मैदानों के अलावा वार्नर ने पॉवरप्ले का बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल किया है। ऐसे में उनके पास एक और मौका है। वार्नर ऐसे बल्लेबाज़ हैं जो मैच को अकेले दम पर पलटने का माद्दा रखते हैं। ऐसे में विपक्षी टीमों के लिए ऑस्ट्रेलिया को हराना आसान नहीं है। वार्नर के अलावा ऑस्ट्रेलिया के लिए स्टीव स्मिथ का प्रदर्शन भी बेहद मायने रखता है। वह हमेशा अच्छे प्रदर्शन से टीम को मोटीवेट करते हैं। इसलिए ये कॉम्बो जोड़ी इस बार चैंपियंस ट्रॉफी में काफी अहम है। तेज गेंदबाज़ी यद्यपि बीते 18 महीने से एडम जम्पा दुनिया के सबसे बेहतरीन स्पिनरों में से एक रहे हैं। ऐसा हम नहीं उनके वनडे विकेट कह रहे हैं। चैंपियंस ट्रॉफी में इस बार जम्प की कद का कोई दूसरा स्पिनर शायद ही कोई और खेल रहा है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के पास बेहतरीन तेज गेंदबाज़ हैं। वह टीम में स्पिनरों को कम मौका देने का कारण बताते हैं कि वेस्टइंडीज के पास एक जमाने में बेहतरीन तेज गेंदबाज़ हुआ करते थे। हम उसी प्रयोग को अजमा रहे हैं। जिसके चलते टीम में 4 तेज गेंदबाजों को मौका दे रहे हैं। मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष 5 गेंदबाजों में शामिल हैं, इसके अलावा पैट कमिंस ने भी चोट के बाद बेहतरीन वापसी की है। वह लगातार 150 किमी/घंटे की रफ्तार से गेंदबाज़ी कर रहे हैं। साथ ही टीम में जेम्स पैटिसन भी शामिल हैं, लेकिन अभी उन्हें जॉन हेस्टिंग्स की वजह से अंतिम 11 में मौका नहीं मिला है। जो ऑस्ट्रेलिया के लगातार विश्वकप 2015 से बेहतरीन गेंदबाज़ी कर रहे हैं। बल्लेबाज़ी में गहराई इसमें कोई शक नहीं है कि डेविड वार्नर मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई टीम में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ हैं। लेकिन कंगारू टीम सिर्फ वार्नर पर ही निर्भर नहीं है, उनके पास आरोन फिंच और कप्तान स्टीव स्मिथ भी लम्बी पारी खेल सकते हैं। इन दोनों का हालिया प्रदर्शन भी बेहतरीन रहा है। शीर्ष क्रम के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम में क्रिस लिन, ग्लेन मैक्सवेल, ट्रेविस हेड, मार्कस स्टोयनिस और विकेटकीपर बल्लेबाज़ मैथ्यू वेड हैं। इससे आपको ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ी क्रम में कितनी गहराई का अंदाजा लगा सकते हैं। इसके अलावा मिचेल स्टार्क निचले क्रम में बड़े शॉट से टीम के लिए बल्ले से भी सहयोग कर सकते हैं। साथ ही पैट कमिंस, जॉन हेस्टिंग और जेम्स पैटिसन भी पॉवर हिट करने की क्षमता रखते हैं। मिचेल स्टार्क जिस तरह से आजकल क्रिकेट खेली जा रही है उसे देखते हुए वनडे में 300 का स्कोर कोई बड़ा टोटल नहीं माना जाता है। क्योंकि नियमों में बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा दिया गया है, छोटे मैदान और बड़े बल्ले पूरी तरह से गेंदबाजों के खिलाफ जाते रहे हैं। लेकिन जब आपके पास मिचेल स्टार्क जैसा गेंदबाज़ हो जो बल्लेबाजों के पैरों के बीच से स्टंप में घुसती हुई यॉर्कर या सिर के ऊपर जाती हुई बाउंसर फेंके तो बल्लेबाज़ के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। स्टार्क सिर्फ स्विंग ही नहीं कराते हैं बल्कि उनकी तकरीबन सभी गेंदे 150 किमी/घंटे के ऊपर रहती है। जो उन्हें एक सम्पूर्ण तेज गेंदबाज़ बनाता है। मिचेल स्टार्क की ऑस्ट्रेलियाई होना विपक्षी टीमों के विस्फोटक बल्लेबाजों पर भारी पड़ सकता है। वह टीम के मुख्य गेंदबाज़ हैं, अपनी टीम को बढ़िया शुरुआत दिला सकते हैं। यद्यपि उनके फिटनेस को लेकर दिक्कतें आती रहे रही हैं, लेकिन अभी तक वह फिट नजर आते हैं। चैंपियनशिप जीतने की क्षमता किसी भी बड़े टूर्नामेंट को जीतने के लिए सिर्फ बेहतर क्षमता से खेलना ही नहीं होता है, बल्कि मैदान पर माइंडगेम और दबाव से भी बेहतर तरीके से निपटना होता है। इस मामले में ऑस्ट्रेलियाई टीम का कोई शानी नहीं रहा है। बड़े टूर्नामेंट में उनका रिकॉर्ड बेहद शानदार और सफलता से भरा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ही एकमात्र ऐसी टीम है, जो चैंपियंस ट्रॉफी को दो बार जीत चुकी है। इसके अलावा कंगारुओं ने चैंपियंस ट्रॉफी के ख़िताब की सफलतापूर्वक रक्षा भी की है। साथ ही उनकी मौजूदा टीम में वह क्षमता है, क्योंकि उन्होंने साल 2015 में विश्वकप का ख़िताब जीता है। क्रिकेट मुकाबलों में अहम मौकों पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अनुभव की जरूरत होती है, साथ ही विपरीत परिस्थितियों में मुकाबले में खुद बनाये रखते हुए मैच को अपने पक्ष में मोड़ना भी अहम होता है। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस मामले में दुनिया की सबसे उम्दा टीम है। इसके अलावा उनके पास डैरेन लेहमन जैसा कोच भी है, जो बतौर खिलाड़ी ऐसी परिस्थितियों से खूब वाकिफ हैं।