जिस तरह से आजकल क्रिकेट खेली जा रही है उसे देखते हुए वनडे में 300 का स्कोर कोई बड़ा टोटल नहीं माना जाता है। क्योंकि नियमों में बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा दिया गया है, छोटे मैदान और बड़े बल्ले पूरी तरह से गेंदबाजों के खिलाफ जाते रहे हैं। लेकिन जब आपके पास मिचेल स्टार्क जैसा गेंदबाज़ हो जो बल्लेबाजों के पैरों के बीच से स्टंप में घुसती हुई यॉर्कर या सिर के ऊपर जाती हुई बाउंसर फेंके तो बल्लेबाज़ के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। स्टार्क सिर्फ स्विंग ही नहीं कराते हैं बल्कि उनकी तकरीबन सभी गेंदे 150 किमी/घंटे के ऊपर रहती है। जो उन्हें एक सम्पूर्ण तेज गेंदबाज़ बनाता है। मिचेल स्टार्क की ऑस्ट्रेलियाई होना विपक्षी टीमों के विस्फोटक बल्लेबाजों पर भारी पड़ सकता है। वह टीम के मुख्य गेंदबाज़ हैं, अपनी टीम को बढ़िया शुरुआत दिला सकते हैं। यद्यपि उनके फिटनेस को लेकर दिक्कतें आती रहे रही हैं, लेकिन अभी तक वह फिट नजर आते हैं।