किसी भी बड़े टूर्नामेंट को जीतने के लिए सिर्फ बेहतर क्षमता से खेलना ही नहीं होता है, बल्कि मैदान पर माइंडगेम और दबाव से भी बेहतर तरीके से निपटना होता है। इस मामले में ऑस्ट्रेलियाई टीम का कोई शानी नहीं रहा है। बड़े टूर्नामेंट में उनका रिकॉर्ड बेहद शानदार और सफलता से भरा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ही एकमात्र ऐसी टीम है, जो चैंपियंस ट्रॉफी को दो बार जीत चुकी है। इसके अलावा कंगारुओं ने चैंपियंस ट्रॉफी के ख़िताब की सफलतापूर्वक रक्षा भी की है। साथ ही उनकी मौजूदा टीम में वह क्षमता है, क्योंकि उन्होंने साल 2015 में विश्वकप का ख़िताब जीता है। क्रिकेट मुकाबलों में अहम मौकों पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अनुभव की जरूरत होती है, साथ ही विपरीत परिस्थितियों में मुकाबले में खुद बनाये रखते हुए मैच को अपने पक्ष में मोड़ना भी अहम होता है। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस मामले में दुनिया की सबसे उम्दा टीम है। इसके अलावा उनके पास डैरेन लेहमन जैसा कोच भी है, जो बतौर खिलाड़ी ऐसी परिस्थितियों से खूब वाकिफ हैं।