इन सब खासियत के अलावा वो गेंद को काफी जोर से मार सकते हैं | अगर उन्होंने ठान लिया कि गेंद सीमा रेखा के पार पहुंचानी है, तो कोई भी बाउंड्री चाहे कितनी भी लंबी क्यों ना हो, गेंद बाउंड्री पार ही जाएगी | अपनी इसी क्षमता के कारण वो सीमित ओवरों के खेल में सबसे बड़े मैच विनर के रूप में उभरे हैं | यहां तक कि टेस्ट क्रिकेट में भी वो इसी धुंआधार अंदाज में खेलते हैं, जिससे विपक्षी टीम एकदम असहाय सी हो जाती है | इससे फायदा ये होता है कि विपक्षी टीम का कैप्टन अपनी ज्यादातर फील्डिंग बाउंड्री पर लगाता है, जिससे बीच के ओवरों में सिंगल लेकर स्कोर बोर्ड को बढ़ाए रखना आसान हो जाता है |