एक प्रमुख कारण जो गंभीर के बयान को वजन देता है वह है युवराज का फॉर्म, अगर कटक में उनके 150 और पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी में मारे गये अर्धशतक को हटा दें, तो वापसी के बाद से युवराज ने कुछ भी ख़ास नही किया है।
उन्होंने 11 मैच में 41.33 के औसत से 372 रन बनाए हैं। 2016 से टी 20 में उन्होंने 18 मैचों में 209 रन बनायेे है, 9 वनडे में से किसी एक में अर्धशतक नहीं बनाया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ उनके अंतिम तीन स्कोर सिर्फ 4, 14 और 39रहे।
धोनी की बात आती है, तो वह अब अंतिम समय में अक्सर मैच जीतने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जब वह क्रीज पर हैं। वह प्रदर्शन में निरंतरता नही ला पा रहे हैं, हालाँकि श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे में उनकी मैच जिताऊ पारी से आलोचक कुछ तो चुप हुए होंगे।
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