अगर आप पूरी तैयारी के साथ जाएंगे तो बाद में आपको पछताना नहीं पड़ेगा, लेकिन गुजरात लॉयंस की आधी-अधूरी तैयारी ने उनकी नैय्या डूबो दी है। आईपीएल-10 में अब तक गुजरात का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। इसकी बड़ी वजह टीम की कमजोर योजना और अधूरी तैयारी दिख रही है। उनका मैनजमेंट ठीक काम नहीं कर रहा है। पिछले सीजन में गुजरात की टीम प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर रही थी, लेकिन इस सीजन में टीम का प्रदर्शन फीका रहा है। गुजरात के कई बड़े खिलाड़ी चोटिल थे, बावजूद इसके ऑक्शन में उन्होंने सही फैसले नहीं लिए और चोटिल खिलाड़ियों की भरपाई नहीं हो पाई। आइए नजर डालते हैं 2017 नीलामी के समय गुजरात से हुई 5 बड़ी गलतियों पर, जिसका खामियाजा उससे अब आईपीएल मुकाबलों में भुगतना पड़ रहा है :
#1 कोई भी अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज नहीं
शुरुआत के दो मैचों में गुजरात लॉयंस को सिर्फ 1 विकेट मिला। इसकी बड़ी वजह है उनके गेंदबाजों का फ्लॉप शो। 2017 आईपीएल ऑक्शन से पहले गुजरात के पास तेज गेंदबाजी डिपार्टमेंट में प्रवीण कुमार और धवल कुलकर्णी मौजूद थे। दोनों ही गेंदबाज अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर इतने कामयाब नहीं रहे हैं और टी 20 क्रिकेट में भी इनका प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा है। ऐसे में इस बार की नीलामी में गुजरात को गेंदबाजी विभाग को मजबूत करने के लिए किसी अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज पर निवेश करना चाहिए था, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने घरेलू खिलाड़ियों पर ज्यादा खर्चा किया। टीम मैनेजमेंट ने बासिल थंपी, नाथू सिंह और शैली शौर्य जैसे युवा गेंदबाजों को अपने साथ शामिल किया, लेकिन इन गेंदबाजों को आईपीएल में दबाव में खेलने का अनुभव नहीं है। हालांकि लॉयंस के पास मुनाफ पटेल और मनप्रीत गोनी जैसे गेंदबाज हैं, जिन्हें आईपीएल में गेंदबाजी का अनुभव है। मगर पिछले कुछ सीजन में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। लिहाजा लॉयंस के पास इन भारतीय तेज गेंदबाजों के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। जिसके चलते अबतक आईपीएल में गुजरात का बॉलिंग डिपार्टमेंट कमजोर नजर आता है। #2 विदेशी तेज गेंदबाज की कमी गुजरात लॉयंस का टीम मैनेजमेंट जंहा भारतीय बॉलिंग डिपार्टमेंट को बेहतर करने में नाकाम रहा है। वहीं टीम मैनेजमेंट ने कोई अच्छा विदेशी गेंदबाज भी टीम के साथ नहीं जोड़ा। 2017 आईपीएल नीलामी में गुजरात के पास मौका था कि वो ड्वेन ब्रावो, जेम्स फॉकनर और एंड्रयू टाई के साथ किसी अच्छे विदेशा गेंदबाज को भी जोड़ सकते थे, लेकिन मैनेजमेंट ने ऐसा नहीं किया। किसी अच्छे विदेशी तेज गेंदबाज को जोड़ना टीम के लिए इसलिए कारगर साबित होता क्योंकि किसी तेज गेंदबाज के चोटिल हो जाने या फिर उपल्बध ना रहने पर आपके पास विकल्पों की कमी नहीं रहती। #3 जेसन रॉय को जबरदस्ती टीम में शामिल करना 2017 की आईपीएल नीलामी में गुजरात ने सिर्फ 1 विदेशी खिलाड़ी को खरीदा और वो हैं इंग्लैंड के बल्लेबाज जेसन रॉय। जब इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर थी, तो उस समय जेसन रॉय ने इंग्लैंड के लिए एक आक्रामक ओपनर की भूमिका निभाई थी। इसके अलवा 2016 वर्ल्ड टी 20 में इंग्लैंड को फाइनल तक पहुंचाने में भी रॉय ने अहम योगदान दिया था। लॉयंस ने नीलामी में रॉय को उनकी बेस प्राइज में खरीदा था। लॉयंस के पास 3 विदेशी ओपनर हैं, जो प्लेइंग इलेवन में खेलते हैं। जिनमें ब्रैंडन मैकुलम. ड्वेन स्मिथ और आरोन फिंच शामिल हैं। इन तीनों के पास आईपीएल में खेलने का अच्छा खासा अनुभव है। लिहाजा जेसन रॉय को शामिल करने का बाद अब प्लेइंग इलेवन में आपके पास 4 ओपनर बल्लेबाज हो गए हैं। चारों की अच्छे बल्लेबाज हैं ऐसे में किसे बाहर निकालें इसे लेकर टीम मैनेजमेंट को माथापच्ची करनी पड़ती है, और गुजरात के लिए समस्या ये है कि ये चारों ओपनर्स मिडिल ऑर्डर में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते, जितना बतौर ओपनर करते हैं। जाहिर है ऐसे में गुजरात का बैटिंग ऑर्डर असंतुलित नजर आता है और जेस रॉय को शामिल करने के बाद टीम मैनेजमेंट का काम और ज्यादा मुश्किल हो गया है। #4 मिडिल ऑर्डर में कोई फिनिशर नहीं
आईपीएल के ज्यादातर मुकाबले हाई स्कोरिंग होते हैं क्योंकि पिचें बैटिंग फ्रेंडली हैं, लेकिन लॉयंस अबतक इसका फायदा उठाने में नाकाम रहे हैं। चार विदेशी ओपनर्स शामिल करने के बाद गुजरात का टॉप ऑर्डर तो मजबूत हुआ है। वहीं नंबर 3 पर सुरेश रैना बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं, जो आईपीएल के टॉप बल्लेबाजों में शुमार हैं, लेकिन गुजरात के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है उनका मिडिल ऑर्डर।
गुजरात के पास मंझा हुआ मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज नहीं है, जो टीम के लिए फिनिशर की भूमिका निभा सके। जिसकी वजह से वो विदेशी ओपनर बल्लेबाजों को मिडिल ऑर्डर में खिला रहे हैं। टॉप ऑर्डर बल्लेबाज को अपने गेम को डेथ ओवर के मुताबिक ढालने में दिक्कत हो रही है।
दिनेश कार्तिक और ड्वेन ब्रावो भी गुजरात के मिडिल ऑर्डर का हिस्सा हैं, लेकिन आप उनके भरोसे हमेशा मैच नहीं जीत सकते। गुजरात के पास जेम्स फॉकनर अच्छा विकल्प हैं, लेकिन अगर उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाता है तो किसी दूसरे डिपार्टमेंट से किसी को बाहर बैठना होगा।
2017 आईपीएल नीलामी में लॉयंस को ऐसे बल्लेबाज पर निवेश करना चाहिए था, जो डेथ ओवर्स में टीम के लिए बड़े रन स्कोर करने की क्षमता रखता हो।
#5 कोई भारतीय ऑलराउंडर नहींऑलराउंडर्स किसी भी टीम की सबसे बड़ी ताकत होते हैं। टीम में ऑलराउंडरों के होने से कप्तान के पास ज्यादा विकल्प होते हैं। गुजरात के पास ड्वेन ब्रावो और जेम्स फॉकनर के रुप में दो अहम ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं, लेकिन विदेशी खिलाड़ी होने की वजह से इन दोनों में किसी एक के लिए ही टीम में जगह बनती है।
दोनों खिलाड़ियों को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया जा सकता। पिछले काफी समय से रवींद्र जडेजा की बल्लेबाजी में निखार आया है लेकिन जडेजा ने पिछले लंबे समय से टीम इंडिया के लगातार क्रिकेट खेली है और वो चैंपियंस ट्रॉफी में भी टीम इंडिया के अहम खिलाड़ी होंगे।
लिहाजा हो सकता है जडेजा इस आईपीएल में अपनी बेस्ट फॉर्म में ना हों। ऐसे में गुजरात को जडेजा के कवर के तौर पर एक और खिलाड़ी को चुनना चाहिए था। 2017 आईपीएल ऑक्शन टीम मैनेजमेंट के पास मौका था, एक ऐसे ऑलराउंड को टीम में शामिल करने का, जो बल्लेबाजी के साथ-साथ समय पड़ने पर अपनी टीम के लिए विकेट भी निकाल सके।