एक ऑलराउंडर के तौर पर हार्दिक पांड्या भारतीय टीम के लिए काफी उपयोगी साबित हुए हैं। वनडे मैचो में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से भारतीय टीम के लिए काफी अच्छा खेल दिखाया। यही वजह है कि श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी उन्हे मौका मिला। पहले मैच में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी भी की। निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए पांड्या ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में आक्रामक अर्धशतकीय पारी खेली। हालांकि अब ये भी सवाल उठने लगा है कि हार्दिक पांड्या के लिए क्या नंबर 8 की जगह सही है। क्या नंबर 8 का क्रम उनके लिए काफी नीचे नही है। आइए आपको बताते हैं क्यों हार्दिक पांड्या को नंबर 6 पर बल्लेबाजी के लिए आना चाहिए। 1. निचले क्रम में आक्रामक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग जैसे क्रिकेटरों ने टेस्ट क्रिकेट में आक्रामक क्रिकेट खेलना सिखाया। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट भी निचले क्रम में काफी आक्रामक क्रिकेट खेलते थे। युवा बल्लेबाज हार्दिक पांड्या भी उन्ही की राह पर चल निकले हैं। वो निचले क्रम में टीम के लिए उपयोगी रन बनाने मे सक्षम हैं। टेस्ट क्रिकेट में नंबर 6 का क्रम काफी अहम होता है। इसलिए हार्दिक पांड्या इसके लिए काफी उपयुक्त बल्लेबाज हैं। वो जरुरत पड़ने पर तेजी से रन भी बना सकते हैं। कई बार ऐसे मौकों पर अच्छे रन रेट की काफी जरुरत होती है और हार्दिक पांड्या तेजी से रन बना सकते हैं। 2. नंबर 8 पर भेजकर टैलेंट बर्बाद नहीं करना चाहिए निचले क्रम में रविचंद्रन अश्विन और रिद्धिमान साहा ने काफी उपयोगी पारियां खेली हैं। दोनों ने कई मौकों पर भारतीय टीम को संभाला है। लेकिन हार्दिक पांड्या जैसे बल्लेबाज का टैलेंट नंबर 8 पर वेस्ट करना सही नही है। वनडे और टी-20 क्रिकेट में उन्होंने काफी अच्छी पारियां खेली हैं। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में नंबर 8 पर भेजकर उनके टैलेंट को वेस्ट किया जा रहा है। अगर पांड्या नंबर 6 पर बल्लेबाजी के लिए आएं तो वो काफी रन बना सकते हैं। ज्यादा निचले क्रम में आने की वजह से टीम के पास विकेट काफी कम रह जाते हैं और उन्हे दूसरी तरफ से अच्छा साथ नही मिल पाता है। ऐसा नही है कि पांड्या सिर्फ आक्रामक बल्लेबाजी कर सकते हैं बल्कि जरुरत पड़ने पर वो टीम को साथ लेकर भी चल सकते हैं। इसलिए नंबर 6 की जगह उनके लिए एकदम सही है। 3.निचले क्रम को साथ लेकर चल सकते हैं अगर पांड्या को नंबर 6 पर बल्लेबाजी का मौका मिलता है तो वो निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ पारी को आगे बढ़ा सकते हैं। वो निचले क्रम के बल्लेबाजों को आगे लेकर चल सकते हैं। टीम के पास साहा, अश्विन और जडेजा के रुप में अच्छे ऑलराउंडर बल्लेबाज हैं लेकिन टीम को एक ऐसा प्लेयर चाहिए जो विपरीत परिस्थितियों में धैर्य के साथ पिच पर डटा रह सके। ऐसा बल्लेबाज जो खुद तो रन बनाए ही साथ ही अपने साथी बल्लेबाज को भी खिलाए। इससे टीम की बल्लेबाजी में और गहराई आएगी। हालांकि पांड्या जिस तरह के बल्लेबाज हैं उसे देखकर लगता नही कि वो टीम को साथ लेकर चल सकते हैं लेकिन नंबर 6 पर उन्हे मौका देकर आजमाया जरुर जा सकता है। पांड्या सिंगल और डबल के साथ पारी को आगे बढ़ा सकते हैं और जरुरत पड़ने पर आक्रामक पारी भी खेलने में सक्षम हैं। 4. बल्लेबाजी के आगे उनकी गेंदबाजी फीकी पड़ गई है जब से टी-20 क्रिकेट आया है तब से कई ऐसे क्रिकेटर हुए हैं जो बल्लेबाजी के अलावा अच्छी गेंदबाजी भी कर लेते हैं। कई बार इस बात को समझना मुश्किल हो जाता है कि फलां प्लेयर अच्छा गेंदबाज है या फिर अच्छा बल्लेबाज। हार्दिक पांड्या भी ठीक उसी तरह से हैं। वो गेंदबाजी तो करते ही हैं लेकिन बल्लेबाजी उससे भी अच्छी करते हैं। उन्होंने कई मौकों पर ताबड़तोड़ पारियां खेली हैं। भारतीय टीम में पांड्या अब गेंद से ज्यादा बल्ले से योगदान देने लगे हैं। कुल मिलाकर कहें तो वो एक बैटिंग ऑलराउंडर बनते जा रहे हैं। जो कि 5वें गेंदबाज की कमी पूरा करता है। सीमित ओवरों के खेल में पांड्या अपना टैलेंट दिखा चुके हैं। लेकिन सफेद कपड़ों में अभी उनका टेस्ट बाकी है। भारत को हमेशा से ही एक ऐसे ऑलराउंडर की तलाश रही है जो कि बल्लेबाजी के अलावा तेज गेंदबाजी भी कर सके। पांड्या ये कमी जरुर पूरी करते हैं लेकिन उपमहाद्वीप की पिचों पर वो तीसरे सीमिंग गेंदबाज के तौर पर ही देखे जाएंगे। ऐसे में टीम उनसे बल्लेबाजी में ज्यादा उम्मीद करेगी। इसलिए पांड्या को नंबर 8 की बजाय नंबर 6 पर बल्लेबाजी के लिए आना चाहिए ताकि वो ज्यादा से ज्यादा रन बना सकें। 5. आंकड़े झूठ नहीं बोलते हैं बहुत से क्रिकेटरों के बारे में कई बार गलत अवधारणा बन जाती है। अगर आप सोचते हैं कि हार्दिक पांड्या केवल चौके-छक्के लगाकर तेजी से 20 से 30 रन ही बना सकते हैं तो ये बिल्कुल गलत है। वनडे मैचो में अब तक हार्दिक पांड्या ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की है। चौके-छक्कों के अलावा उन्होंने बड़ी पारियां भी खेली हैं। 17 वनडे मैचो में 41.28 की औसत से पांड्या अब तक 289 रन बना चुके हैं। उन्होंने 135.04 की स्ट्राइक रेट से ये रन बनाए हैं। ये आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि उनके अंदर कितनी प्रतिभा है। ऐसा नही है कि पांड्या ने केवल रन ही बनाए है। बल्कि इस दौरान उनका कॉन्फिडेंस लेवल भी काफी अच्छा रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ खेली उनकी तूफानी पारी को कोई नही भुला सकता है। अकेले उन्होंने पाकिस्तानी खेमे में खलबली मचा दी थी। यही वजह है कि पांड्या अगर नंबर 6 पर बल्लेबाजी करेंगे तो उनकी काबिलियत का ज्यादा से ज्यादा फायदा होगा। ये उनकी प्रतिभा से न्याय होगा। लेखक-दीप्तेश सेन अनुवादक-सावन गुप्ता