इंडियन प्रीमियर लीग का 12वां सीज़न इस बार आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2019 से ठीक पहले ही ख़त्म होगा और इस बार आईपीएल सीज़न की शुरूआत 23 मार्च से होगी। आम चुनाव होने की वज़ह से पहले आईपीएल यह बाहर होने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन बीसीसीआई ने इन सभी बातों पर विराम लगाते हुए इसे भारत में ही कराने का फैसला लिया है।
आईपीएल होने से जहां देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलती है, तो वहीं कई ऐसी छुपी हुई प्रतिभाओं को खेलने का मौका मिलता है, जहां से वह पूरे विश्व को अपने टैलेंट से परिचित करा सकती है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर टेस्ट सीरीज़ में सबसे अधिक विकेट लेने वाले तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह है, जिन्हें मुम्बई इंडियंस ने आईपीएल में सबसे पहले खेलने का मौका दिया था और अब वह भारतीय टीम के लिए तीनों ही फार्मेट में प्रमुख गेंदबाज़ बन गए है।
विश्वकप होने की वज़ह से इस बार काफी सारे बड़े नाम आईपीएल 12 के सीज़न से नदारद रहने वाले है, क्योंकि वह विश्वकप तक खुद को फिट रखना चाहते है, लेकिन इसके बावजूद भी आईपीएल का यह सीज़न काफी रोमांचक होने वाला है।
यदि आईपीएल के अभी तक के सीज़नो की बात की जाए तो भारतीय टीम के अलावा काफी सारी टीमों को इसका लाभ मिला क्योंकि इससे उन्हें अपने देश की छुपी हुई प्रतिभाओं को देखने का मौका मिला। वहीं भारतीय टीम को भी कई बड़े नाम आईपीएल की वज़ह से मिले। इस बार इंग्लैंड में होने वाले वनडे विश्वकप में विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम खेलने उतरेगी और वह इस खिताब को जीतने की प्रबल दावेदारो की लिस्ट में भी शामिल है, लेकिन उससे पहले टीम अपनी कुछ कमज़ोरियों को दूर करने की ज़रूर कोशिश करेगी।
यहां पर देखिए 5 महत्तवपूर्ण कारण जिससे आईपीएल का 12वां सीजन भारतीय टीम के लिए विश्वकप की तैयारियों के लिए अहम भूमिका अदा कर सकता है।
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#1. नंबर 4 की समस्या दूर हो सकती है
भारतीय टीम में हमेशा एक से एक शानदार बल्लेबाज़ देखने को मिले और जब भी टीम से कोई दिग्गज़ खिलाड़ी संन्यास लेता है, तो उनकी जगह पर एक ऐसा खिलाड़ी आ जाता जो उस विरासत को आगे लेकर जाने का काम करता है। शिखर धवन और रोहित शर्मा की ओपनिंग जोड़ी भले ही अभी तेंदुलकर और गांगुली या तेंदुलकर के साथ सहवाग की ओपनिंग जोड़ी जैसी ना हो लेकिन विश्व क्रिकेट में इन दोनों की जोड़ी मौजूदा समय में सबसे घातक ओपनिंग है।
दोनों ही खिलाड़ी वर्तमान में जिस तरह के फार्म में है, जल्द ही यह अपना भारत की सबसे सफल ओपनिंग जोड़ी में से एक है। इसके बाद नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करने के लिए वर्तामन में विश्व क्रिकेट के सबसे शानदार बल्लेबाज़ विराट कोहली आते है। लेकिन इसके बाद टीम के लिए समस्या ख़डी होती है, क्योंकि चौथे नंबर पर टीम को किसको बल्लेबाज़ी कराएगी उसको लेकर अभी तक दुविधा के हालात बने हुए है, क्योंकि यह दिक्कत टीम के लिए पिछले 7 से 8 सालों से है। युवराज़ सिंह के इस स्थान पर खेलने वाले पिछले सबसे सफल बल्लेबाज़ साबित हुए थे।
साल 2011 में युवराज़ सिंह के टीम से बाहर जाने के बाद भारतीय टीम ने इस स्थान के लिए काफी सारे बल्लेबाज़ो को आज़माया जिसमें आजिंक्य रहाणे, मनीष पांण्डेय, लोकेश राहुल के अलावा कई और भी खिलाड़ी चौथे नंबर पर टीम के लिए बल्लेबाज़ी करने उतरे लेकिन इनमें से कोई भी सफल ना हो सका। एशिया कप में चौथे नंबर बल्लेबाज़ी के लिए अंबाती रायडू को भेज़ा गया जिन्होंने कुछ शानदार पारियां खेलकर अभी इस स्थान पर बल्लेबाज़ी करने के प्रबल दावेदार बने हुए है।
टॉप 3 में शानदार बल्लेबाज़ होने के बाद टीम के पास चौथे नंबर की पहले अभी भी अबूझ बनी हुई है। पिछले आईपीएल सीज़न में अंबाती रायडू ने चेन्नई सुपर किंग्स से खेलते हुए शानदार बल्लेबाज़ी की थी, जिस कारण उन्हें टीम में वापसी करने का मौका मिला जिस कारण इस सीज़न में भी टीम को एक और विकल्प इस स्थान के लिए मिल सकता है।
#2. धोनी का बल्लेबाज़ी फॉर्म
महेंद्र सिंह धोनी का बल्लेबाज़ी फॉर्म जिसके बारे में हर कोई जानता है, लेकिन उस पर कोई बात नहीं करना चाहता है। जब धोनी की बल्लेबाज़ी को लेकर बात की जाती है, तो यह कहा जाता है, कि टीम में उनके होने से काफी लाभ होता है और गेंदबाज़ो को मैच के दौरान धोनी से काफी महत्तवपूर्ण सलाह भी मिलती है। जिस वजह से उनकी बल्लेबाज़ी को लेकर अधिक सवाल नहीं हो पाते।
लेकिन जिस तरह से पहले धोनी मैच को फिनिश करते है वह काबिलियत अब उनमें नहीं दिखाई दे रही है, पिछले काफी समय से जो टीम के लिए भी एक चिंता का कारण बनी हुई है, जिस कारण उनके विकल्प की तलाश की जा रही है। धोनी जिस समय कप्तान बने थे, वह आज के धोनी को टीम से ज़रूर ड्राप कर देते लेकिन कोहली एक कप्तान के रूप में धोनी से काफी अलग है और साथ ही यह महेंद्र सिंह धोनी का आखिरी विश्वकप भी है।
पिछले आईपीएल सीज़न में धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए जिस तरह से बल्लेबाज़ी की थी, उससे सभी को पुराने धोनी की याद गई थी और यदि कुछ ऐसा ही वह इस बार भी करने में कामयाब हो जाते है, तो विश्वकप खेलने वाली बाकी सभी टीमों के लिए एक चिंता का कारण जरूर बन जाएगा और धोनी के फॉर्म में आ जाने भारतीय टीम के उपरी क्रम को और भी अधिक मजबूती मिल जाएगी।
#3. तीसरा तेज़ गेंदबाज़
भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के बाद टीम के लिए तीसरे तेज़ गेंदबाज़ की भूमिका कौन निभाएगा यह सवाल अभी भी कप्तान विराट कोहली के लिए समस्या बना हुआ है और भारतीय टीम भी विश्वकप से पहले इसे हल जरूर करना चाहेगी। टीम ने तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के रूप में मोहम्मद सिराज़, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी से लेकर उमेश यादव को भी आजमा चुकी है, लेकिन कोई भी असरदार साबित नहीं हो सका।
लेकिन नंबर 4 की तरह ही कोई गेंदबाज़ अभी तक तीसरे तेज़ गेंदबाज़ी विकल्प के लिए खुद की जगह को पक्का नहीं कर सका। तीसरे तेज़ गेंदबाज़ की जगह लेने के लिए एक टीम को एक ऐसा खिलाड़ी चाहिए जिसके पास गेंदो में मिश्रण करने की क्षमता हो। पिछले कुछ समय से भारतीय टीम 2 तेज़ गेंदबाज़ और 2 लेग स्पिनर के साथ खेलने उतर रही थी और टीम के लिए हार्दिक पांड्या के साथ केदार जाधव 5 वें गेंदबाज़ की भूमिका को निभा रहे थे।
कप्तान कोहली को भी यह समस्या काफी देर में समझ आयी और अब खलील अहमद जिन्होंने एशिया कप में टीम के लिए तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के रूप में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था और उसके बाद विंडीज़ के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में लेकिन आईपीएल में टीम को इस स्थान के लिए और भी विकल्प देखने को मिल सकते है, जिससे विश्वकप से पहले एक बड़ी समस्या दूर हो सकती है।
#4. कुलदीप का साथ कौन देगा
इंग्लैंड में हुई साल 2017 की चैम्पियंस ट्राफी के फाइनल मैच में पाकिस्तान से भारतीय टीम को मिली हार के बाद से टीम ने जो बड़ा बदलाव किया वह 2 लेग स्पिनरो को शामिल करना रहा, जिन्होने उस समय से अभी तक लगभग सभी देशो के खिलाफ शानदार गेंदबाज़ी करते हुए टीम की जीत में अहम् भूमिका अदा की।
ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और बाकी सभी देशो के अच्छे बल्लेबाज़ इन दोनो ही स्पिनरो के खिलाफ खेलते हुए असहज़ दिखाई दिए जिस कारण भारतीय टीम इनके खिलाफ लिमिटेड ओवरो की सीरीज़ जीतने में भी कामयाब रही।
लेकिन पिछले साल हुए एशिया कप के दौरान हार्दिक पांड्या के चोटिल हो जाने के बाद टीम में उनकी जगह पर रविन्द्र जडेजा को शामिल किया जो बल्ले से भी निचले क्रम में योगदान दे सके जिस कारण चहल जो कुलदीप के जोडीदार के रूप मे काफी अच्छा कर रहे थे, उन्हें जडेजा के ऑलराउंडर प्रदर्शन के कारण अंतिम एकादश में तरज़ीह मिली।
जिस कारण अब टीम के सामने यह सबसे बड़ा प्रश्न है, कि विश्वकप में कुलदीप के उनके जोड़ीदार के रूप में किस स्पिनर को खिलाना अधिक सही होगा और आईपीएल का 12 वां सीज़न जडेजा और चहल के लिए इसमें काफी कारगर साबित होने वाला।
#5. कौन निभायेगा ऑलराउंडर की भूमिका
आखिर विश्वकप में भारतीय टीम के लिए ऑलराउंडर की भूमिका कौन सा खिलाड़ी निभायेगा ? क्या हार्दिक पांड्या या केदार जाधव या फिर रविन्द्र जडेजा यदि तीन विकल्पो को देखा जाए तो। लेकिन यदि पिछले प्रदर्शन पर गौर किया जाए तो कप्तान कोहली की ऑलराउंडर के रूप में पहली पसंद के रूप में या तो हार्दिक पांड्या रहे हैं, या केदार जाधव। यदि भारतीय टीम का मध्यक्रम उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सका और रायडू के साथ धोनी का फार्म ठीन नहीं चला तो टीम को 5 प्रमुख गेंदबाजो के साथ मैच में उतरना पड़ेगा ताकी इंग्लैंड की सपाट विकेटो पर विरोधी टीम को कम से कम रनों पर रोका जा सके।
जिस कारण हम रवींद्र जडेजा की वापसी को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते है साथ ही क्रुणाल पांड्या ने भी टीम के लिए टी 20 में खेलते हुए ऑलराउंडर के रुप में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और इस समस्या को कोहली विश्वकप से पहले दूर करना चाहेंगे जिस कारण आईपीएल इन में यह सभी ऑलराउंडर खिलाडियों के लिए विश्वकप की टीम में जगह बनाने का एक सुनहरा अवसर भी साबित हो सकता है।