एजबेस्टन में हुए पहले टेस्ट में इंग्लैंड को शानदार टक्कर देने वाली भारतीय टीम को लॉर्ड्स में हुए दूसरे टेस्ट में एकतरफा हार का सामना करना पड़ा। दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने एक बार फिर निराश किया, तो गेंदबाज भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। यहां तक कि दोनों पारियों के मिलाकर भी मेहमान टीम 90 ओवर नहीं खेल पाई और इसका नतीजा यह है कि अब 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत 2-0 से पिछड़ रही है। भारतीय टीम की नजर अब सीरीज में जोरदार वापसी करने पर होगी, लेकिन अगर टीम के प्रदर्शन में सुधार नहीं आया तो भारत इस सीरीज को 5-0 से भी हार सकती है। हालांकि आइए नजर डालते हैं दूसरे टेस्ट में भारत की हार के 5 कारणों पर:
#) टॉस
लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन टॉस ने काफी अहम भूमिका निभाई। पहला दिन बारिश के कारण रद्द होने के बाद दोनों ही कप्तान पहले गेंदबाजी करना चाहते थे। हालांकि टॉस भारत के खिलाफ गया और जो रूट ने उम्मीद के मुताबिक पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। बारिश के कारण दूसरे दिन गेंद काफी स्विंग हुआ और इंग्लैंड के गेंदबाजों ने पिच का फायदा शानदार तरीके से उठाया और भारत को पहली पारी में सस्ते आउट किया। हालांकि टॉस भारत के पक्ष में जाता, तो निश्चित ही नतीजा कुछ और हो सकता था।
#) टीम का चयन
दूसरे टेस्ट में भारत की टीम को लेकर काफी कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन भारत ने अपनी टीम में दो बदलाव कर सभी को चौंका दिया। उमेश यादव की जगह टीम में शामिल किए गए कुलदीप यादव के चयन ने काफी हैरान किया। पिच और मौसम को देखते हुए भी भारत ने अपनी टीम में दो स्पिनर्स को मौका दिया। इसके अलावा शिखर धवन की जगह चेतेश्वर पुजारा को शामिल किया गया। भारत का यह फैसला पूरी तरह से गलत साबित हुआ, क्योंकि विकेट से तेज गेंदबाज को काफी मदद मिल रही थी। रविचंद्रन अश्विन और कुलदीप यादव दोनों ही विकेट चटकाने में कामयाब नहीं हुए, साथ में रनों की रफ्तार को भी नहीं रोक पाए। अश्विन ने 19 ओवरों मे जहां 58 रन दिए, तो कुलदीप ने 9 ओवर में 44 रन दिए।
#) अहम मौकों का फायदा नहीं उठा पाना
पहली पारी में 107 रनों पर आउट होने के बाद भारत ने इंग्लैंड का स्कोर 131-5 कर दिया था। मोहम्मद शमी ने शानदार गेंदबाजी की और उन्हें इशांत शर्मा और हार्दिक पांड्या का भी अच्छा साथ मिला। भारत के पास मौका था कि वो मेजबान टीम को 180 के अंदर आउट करके मैच में वापसी करें। हालांकि जॉनी बैर्स्टो और क्रिस वोक्स ने शानदार साझेदारी करते हुए भारत को दबाव में डाला। बैर्स्टो भले ही अपने शतक से चूक गए, लेकिन वोक्स ने शानदार शतक लगाया। इंग्लैंड ने पहली पारी में 289 रनों की बढ़त हासिल की और उसके बाद भारत मैच में वापस नहीं आया और दूसरी पारी में महज 130 रनों पर पूरी टीम ऑलआउट हो गई।
#) बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन
इन हालातों में भारतीय टीम के बल्लेबाजों के लिए चुनौती काफी कठिन होने वाली थी। पहले भी भारतीय बल्लेबाज विदेशों में स्विंग और सीम गेंदबाजी के सामने संघर्ष करते हुए नजर आए हैं। लॉर्ड्स टेस्ट में भी भारतीय बल्लेबाज एंडरसन, ब्रॉड और वोक्स के सामने बिल्कुल भी सहज नहीं दिखे। ऊपरी क्रम के बल्लेबाज दोनों पारियों में बुरी तरह से फ्लॉप हुए, तो मध्यक्रम भी टीम को संभालने में नाकाम रहा। दोनों ही पारियों में अश्विन ने जरूर अच्छा खेल दिखाया, लेकिन वो हार से बचने के लिए काफी नहीं था।
# मुख्य गेंदबाजों का चोट के कारण नहीं खेल पाना
भारतीय टीम को गेंदबाजी में भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की कमी काफी खली। भुवनेश्वर गेंद को हवा में स्विंग कराने में माहिर है और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका टीम को भी काफी परेशान किया था। इन हालातों में वो टीम के लिए काफी महत्वपूर्व किरदार निभा सकते थे। जसप्रीत बुमराह भी चोट से उबर रहे हैं और उनके यॉर्कर इंग्लैंड टीम के निचले क्रम के बल्लेबाजों को आउट करने के काम आ सकते थे। निश्चित ही अगर यह दोनों गेंदबाज इस मैच में टीम का हिस्सा होते, तो मैच का परिणाम कुछ और हो सकता था।