प्रतिभा की कोई कमी नहीं
जब कोई भारत की चयन प्रक्रिया को देखता है, तो उसे वास्तव में यह आश्चर्य होगा कि आखिर टी-20 के विशेषज्ञों की संख्या को क्यों नहीं बढ़ाया गया है जबकि वास्तविक प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। यदि वेस्ट इंडीज, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका की टीमें ऐसा कर सकती हैं, तो यह एक बड़ा समय है जब भारत को इन उदाहरणों का पालन करना चाहिए।
आईपीएल के मुख्य उद्देश्य में से एक यह था कि नये तराशे हुए युवा हीरों को आवश्यक दिशा देना और उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार करना था। जबकि टूर्नामेंट के इतने सफल संस्करणों के बाद भी, यह अजीब बात है कि भारत उन प्रतिभाओं की निकाल नहीं रहा है, जो पहले से ही पास हैं।
आईपीएल के सितारों की कोई कमी नहीं है, जो टी-20 में शुरुआत करने के योग्य हैं। यजवेंद्र चहल और कुलदीप यदव पहले से ही सीमित मौके पर अपना अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। वॉशिंगटन सुंदर जो तमिलनाडू प्रीमियर लीग में अपनी धुंआधार परफॉर्मेंस दे चुके है वो जरूर देखने योगय हैं। वह बल्लेबाज जो आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं और एक मौका के लायक है जैसे संजू सैमसन, नीतिश राना और ईशान किशन।
क्रमश: शीर्ष क्रम में राहुल त्रिपाठी अपनी पावर हिटिंग क्षमता से तूफान ला सकते हैं, जबकि क्रुणाल पांड्या की ऑलराउंडर क्षमताएं तलाशा जा सकता हैं। वहीं गेंदबाजी विभाग में, बेसिल थम्पी, संदीप शर्मा और सिद्धार्थ कौल निश्चित रूप से एक मौके के योग्य हैं।
लेखक- दिप्तेश सेन
अनुवादक- सौम्या तिवारी