5 कारण क्यों धोनी को अभी भी टी20 टीम का हिस्सा रहना चाहिए

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हाल ही में आयोजित सीरीज में भले ही भारत ने पहली बार टी-20 में न्यूजीलैण्ड को 2-1 से मात दी है। लेकिन अपने खराब प्रदर्शन के चलते धोनी आलोचक के निशाने पर बने हुए हैं। आलोचक लगातार धोनी के टी20 टीम में होने पर सवाल उठा रहे है। साथ ही कई आलोचक टीम प्रबंधन से अगली सीरीज में धोनी को टीम से हटाने की बात कर रहे है । भले ही आलोचक धोनी पर कितने ही सवाल उठा रहे है लेकिन टीम के इस अनुभवी खिलाड़ी में आज भी काफी क्षमता है। जिसके कारण वह टीम अभी 2-3 साल और खेल सकते है। आज हम इस लेख में उन 5 कारणों की चर्चा कर रहे है जो साबित करते है कि धोनी को अभी टी-20 टीम में से नहीं हटना चाहिए #1. दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर धोनी भले ही अपने बल्ले से वो कमाल नहीं दिखा पा रहे हो लेकिन विकेट के पीछे उनका प्रदर्शन अभी भी लाजवाब है। धोनी मौजूदा समय के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर है। उनकी विकेट की पीछे की क्षमता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। धोनी के तेज हाथों और चुस्ती के चलते स्टम्पिंग से शायद ही दुनिया का कोई बल्लेबाज़ बच पाया होगा। भारत की टीम के पास अभी धोनी के मुकाबले का कोई भी विकेटकीपर नहीं है जो उनकी की जगह ले सके। हालांकि ऋषभ पंत ओर ईशान किशन जैसे नये युवा चेहरे आये हैं लेकिन अभी उनके खेल का स्तर अंतरराष्ट्रीय नहीं हो पाया है । #2. फिटनेस mahendra-singh-dhoni-plays-football-during-a-practice-session धोनी की उम्र भले ही 36 साल के हो गई है लेकिन वो आज भी टीम के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक है। अपनी फिटनेस के चलते वो आज भी कई युवा खिलाड़ियों को मैदान में मात दे सकते है । इसी साल एनसीए बैंगलोर में फिटनेस के लिए आयोजित हुए यो-यो टेस्ट में धोनी ने शीर्ष 5 खिलाड़ियों में जगह बनाई थी। वही इसी टेस्ट में अन्य सीनियर खिलाड़ी युवराज ओर सुरेश रैना फेल हो गए थे। बढ़ती उम्र ने धोनी की फिटनेस पर कोई प्रभाव नहीं डाला है और उनकी फिटनेस को देख कर लगता है वो 2019 तक आराम से खेल सकते हैं। #3. दबाव झेलने की क्षमता ms-dhoni-2503-wc2015 सीमित ओवरों के खेल में खिलाड़ियों से उम्मीद की जाती है कि वो मैच के दौरान दबाव के क्षणों को झेलें और बेहतर खेल का प्रदर्शन करें।धोनी तो जाने ही अपने शांत रवैये के लिए जाने जाते है। इसी वजह से वो टीम के लिए एक बेहतर खिलाड़ी साबित होते है। इसके अलावा वो मैच के पलों में बाकी खिलाड़ियों के साथ लगातार बात करते रहते है जिससे टीम पर दबाव कम होता है। धोनी अपने दबाव झेलने की क्षमता के कारण ही भारत को बहुत सारे मैचों में जीत दिलाने में सफल हुए है। #4. विकटों के बीच दौड़ e6942-1510328292-800 टीम के सबसे फिट खिलाड़ियों में एक धोनी जब भी विकटों के बीच रनों के लिए दौड़ते है तो उनकी रफ्तार गजब की होती है। धोनी की रफ्तार में ऐसी क्षमता है जिसके चलते वो जहां एक रन मिल रहा होता है वहां दो और जहां दो मिल रहे है वहां तीन रन आसानी से चुरा लेते हैं। उनको मनीष पांडे या कोहली के साथ विकटों के बीच भागते देखना काफी दिलचस्प होता है। धोनी की इस क्षमता की कोहली ने भी हाल ही में काफ़ी तारीफ भी की है। एक चर्चित शो 'ब्रेकफास्ट विद चैंपियन' में बोलते हुए कोहली ने कहा "विकटों के बीच दौड़ते हुए जब वो (धोनी) 2 रन कहते तो मैं आंखे बंद करके दौड़ पड़ता हूं क्योंकि में जानता हूं कि उन्होंने अगर कहा है इसका मतलब वहां रन संभव है और हम यह कर लगें"। जब टीम के मौजूदा कप्तान ये बात कहते है तो फिर धोनी की क्षमता पर सवाल उठना गलत है। #5. चतुर रणनीतिकार c3cdd-1510328393-800 धोनी ने टी-20 की कप्तानी भले ही साल के शुरुआत में ही छोड़ दी थी लेकिन मैदान में उनकी सक्रियता देख कर कोई नहीं कह सकता है वो कप्तान नहीं हैं। मैच में कई बार हम देख चुके हैं कि धोनी बहुत सारे मौकों पर फील्डिंग सजाते हुए नज़र आते है। साथ ही कप्तान कोहली को मैच दौरान भी बातचीत देते हुए नज़र आ जाते हैं। मैच के अंतिम ओवरों में जब कोहली जब फील्डिंग करने बाउंड्री पर चले जाते है तब धोनी ही कप्तान की भूमिका निभा रहे होते है। टीम के कप्तान कोहली खुद कह चुके है जब भी में धोनी से कोई सलाह लेता हूं तो 10 में से 9 बार उनकी राय सही साबित हुई है। धोनी आज भी विश्व के सर्वश्रेष्ठ टी-20 खिलाड़ियों में में एक हैं और उनका टीम में होना काफ़ी महत्वपूर्ण है। लेखक- राजदीप पुरी अनुवादक- ऋषिकेश सिंह

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